दिल्ली में इस साल की पहली लोक अदालत 8 मार्च को लगने वाली है. इस अदालत में आप अपनी कितना भी पुराना पेंडिंग ट्रैफिक चालान है माफ करा सकते हैं. या फिर इसका जुर्माना कम करा सकते हैं. लेकिन लोक अदालत में हर मामले की सुनवाई नहीं होती है. कुछ चालानों के लिए आपको कोर्ट का दरवाजा ही खटखटाना पड़ता है. वैसे लोक अदालत में भी आपका चालान माफ नहीं किया जाता है आपकी दलीलों के आधार पर जुर्माने को कम या चालान रद्द कर दिया जाता है. यहां जाने कि आपके कौन-कौन से मामलों की सुनवाई लोक अदालत में नहीं होगी.
ये चालान नहीं होंगे माफ
लोक अदालत में कौन से मामले सुलझाए जाते हैं? लोक अदालत में ट्रैफिक चालान के मामूली मामलों का निपटारा किया जाता है. इसमें ट्रैफिक नियमों का तोड़ना शामिल है. जैसे सीट बेल्ट के लिए कटा चालान, हेलमेट नहीं पहने होने के वजह से या रेड लाइट तोड़ने पर कटा चालान शामिल है. आप इस तरह के चालान का जुर्माना कम या माफ करा सकते हैं. लेकिन एक बात पर ध्यान दें कि जिस व्हीकल का चालान कटा है वो किसी एक्सीडेंट या क्रीमिनल केस में शामिल नहीं होनी चाहिए. अगर आपके व्हीकल पर ऐसा कोई केस लगा है तो लोक अदालत में उसकी सुनवाई नहीं होगी.
अगर चालान दिल्ली में कटा है तभी होगा फैसला
जहां आपका चालान कटा है उसका निपटारा भी वहीं पर होगा. अगर आप सोच रहे हैं कि कहीं का भी चालान आप दिल्ली की लोक अदालत में माफ करा सकते हैं तो ये गलत है. दरअसल दिल्ली की लोक अदालत में केवल उन्हीं चालानों की सुनवाई होगी जो यहीं पर कटे होंगे. अगर आप चालान भरने का ये मौका गवां देते हैं. टाइम पर लोक अदालत में नहीं पहुंच पाते हैं तो आपको वर्चुअल कोर्ट या दूसरे ऑप्शन के जरिए चालान का निपटारा कराना होगा.