श्रीलंका में ब्लैकआउट का खतरा, बिजली बचाने की लोगों से अपील

श्रीलंका में एक बार फिर बिजली संकट की स्थिति बनती दिख रही है. संकट को देखते हुए वहां की सरकार अलर्ट हो गई है. देश की सरकारी बिजली कंपनी ने बिजली सप्लाई बाधित होने से बचने के लिए छतों पर लगे सभी सौर ऊर्जा जनरेटर को आज रविवार से 21 अप्रैल तक अपने सिस्टम बंद करने के लिए कहा है, ताकि पूरे द्वीपीय देश में ब्लैकआउट से बचा जा सके.

ब्लैकआउट रोकने की कवायद

स्वैच्छिक स्विच-ऑफ के जरिए देश में चल रहे राष्ट्रीय नव वर्ष की छुट्टियों के दौरान दिन के समय में कम बिजली की मांग के कारण सिस्टम में असंतुलन को रोकने की यह एक कवायद है. जारी बयान में कहा गया है, “लंबी छुट्टी और बढ़िया मौसम के कारण, राष्ट्रीय बिजली की मांग ऐतिहासिक रूप से कमी हो गई है, जबकि बहुत अधिक वैरिएबल रिन्यूएबल एनर्जी (Variable Renewable Energy (VRE) राष्ट्रीय ग्रिड पर असाधारण दबाव डाल रहे हैं.”

9 फरवरी को देश में हो गया था ब्लैकआउट

बयान के अनुसार, “इस वजह से पावर ग्रिड पर स्थिति विकट होती जा रही है. और इस वजह से बिजली सप्लाई में अचानक दिक्कत आ सकती है क्योंकि यह अत्यधिक संवेदनशील हो गया है. यहां तक ​​कि एक मामूली उतार-चढ़ाव भी आंशिक आउटेज या पूरे देश में ब्लैकआउट का खतरा बना सकता है.” कंपनी के अनुसार, लोगों से हर दिन दोपहर 3 बजे तक सौर ऊर्जा जनरेटरों को स्विच ऑफ करने का अनुरोध किया गया है.

करीब 2 महीने पहले देश में इस तरह का असंतुलन होने की वजह से ब्लैकआउट हो गया था. 9 फरवरी को, इस तरह से बिजली सप्लाई में असंतुलन की वजह से पूरे द्वीप में ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा था. तब अधिकारियों ने बताया कि मांग से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन की वजह से ग्रिड ठप हो गया था.

तब वहां पर 9 फरवरी की सुबह 11 बजे पूरे देश में अचानक से बिजली गुल हो गई. पहले लगा कि यह सामान्य पावर कट है, लेकिन धीरे-धीरे ये बात समझ में आ गई कि पावर कट पूरे देश में लग गया है. तब श्रीलंका के ऊर्जा मंत्रालय की ओर से यह भी दावा किया गया था कि बिजली कटने की वजह एक बंदर भी हो सकता है. वहां पर 36 घंटे से अधिक समय तक तक बिजली कट गई थी और एक बंदर ने पावर स्टेशन में घुसकर की पूरे सिस्टम में गड़बड़ी कर दी थी.

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