मथुरा स्थित यमुना एक्सप्रेस-वे पर शनिवार शाम अनियंत्रित स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराकर पलट गई। दुर्घटना में महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
थाना प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि शेरगढ़ के गांव विशंभरा निवासी अजहरुद्दीन ने जेवर में मकान बनाया हुआ है। वह अपने मूल गांव विशंभरा में आते जाते रहते हैं। शनिवार को वह अरसद, खैरू निशा, टप्पल के थाना जहानगढ़ निवासी अशरूब, जैकम विशंभरा में जमात में आए थे। शनिवार की रात को सभी जमात से यमुना एक्सप्रेस-वे होते हुए जेवर जा रहे थे। अभी वह अवाखेड़ा गांव के समीप पहुंचे थे कि अचानक स्कॉर्पियो अनियंत्रित हो गई। दुर्घटना में स्कॉर्पियो सवार खैरू निशा (33), अशरूब (60) और जैकम की मौके पर मौत हो गई, जबकि अजहरुद्दीन और अरशद गंभीर रूप से घायल हो गए।
दुर्घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घायलों को उपचार के लिए सीएचसी भेजा। यहां घायलों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजने शुरू किया तो परिजन हंगामा करने लगे। परिजन बिना पोस्टमार्टम के ही शव अपने साथ जेवर ले जाना चाहते थे। इस पर पुलिस ने उन्हें समझा बुझाकर शांत किया और शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे। साथ ही क्रेन की मदद से दुर्घटनाग्रस्त हुई स्कॉर्पियो को सड़क किनारे कराकर वाहनों का आवागमन सुचारू कराया।
लखनऊ से नहीं आया मैसेज, एंबुलेंस में तड़पते रहे घायल
यमुना एक्सप्रेस वे पर स्कॉर्पियो पलटने के बाद घायलों को उपचार के लिए पुलिस ने घायलों को सीएचसी भेज दिया। यहां चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालत देखी तो जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। परिजनों ने सरकारी एंबुलेंस के लिए मोबाइल से फोन किया, लेकिन एक घंटे तक लखनऊ से मैसेज न आने के कारण एंबुलेंस सीएचसी पर ही खड़ी रही और घायल उपचार के लिए तड़पते रहे।