झारखंड में डीएसपी बनना है तो जनजातीय भाषा की परीक्षा पास करना अनिवार्य

राज्य सरकार ने झारखंड पुलिस की नई नियमावली लागू की है।  बुधवार को गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। नई नियमावली को झारखंड राज्य पुलिस सेवा (संशोधन) नियमावली, 2020 कहा जाएगा। राज्य सरकार ने इस नियमावली को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।

जनजातीय भाषा मे पास होने पर ही सेवा संपुष्टि : डीएसपी के मूल कोटि में सीधी नियुक्ति प्रक्रिया से आने वाले पदाधिकारियों को सेवा संपुष्टि के लिए राजस्व पर्षद द्वारा आयोजित होने वाली जनजातीय भाषा परीक्षा में से किसी एक जनजातीय भाषा में निम्न स्तर से उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा।  प्रोन्नति के माध्यम से नियुक्त होने वाले वैसे डीएसपी जो अपनी पिछली सेवा/संवर्ग में उक्त परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हुए हैं, उनके लिए भी इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना सेवा संपुष्टि हेतु अनिवार्य होगा।

प्रोन्नति से डीएसपी बनने वाले पुलिसकर्मियों को साल भर की ट्रेनिंग : इंस्पेक्टर या सार्जेंट मेजर से डीएसपी के मूल कोटि में प्रोन्नति के माध्यम से नियुक्त पदाधिकारियों को झारखंड पुलिस हस्तक नियमावली के संबंधित नियम के अनुरूप राजस्व पर्षद द्वारा आयोजित विभागीय परीक्षा में उत्तीर्ण होना एवं नियुक्ति के उपरांत प्रथम छः माह के भीतर जंगल वारफेयर स्कूल, नेतरहाट में छ: सप्ताह का इंडक्शन कोर्स प्रशिक्षण के रूप में करना, सेवा सम्पुष्टि के लिए अनिवार्य होगा।

क्या होगा प्रोन्नति का नियम : झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्षता में गठित विभागीय कमेटी प्रोन्नति पर फैसले लेगी। फैसला लेते समय वरीयता-सह-योग्यता, निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र, वार्षिक गोपनीय अभ्युक्तियों तथा आरोपों की स्थिति देखी जाएगी। पदाधिकारियों की वरीयता सूची, वार्षिक गोपनीय अभ्युक्तियों तथा आरोपों की स्थिति डीजीपी द्वारा गृह विभाग को उपलब्ध करायी जायगी।

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