पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान को तनाव में डाल दिया है। पाकिस्तान में युद्ध का डर गहरा गया है और वह समझ नहीं पा रहा कि उसे क्या करना चाहिए। भारत की स्थिति पर नियंत्रण रखने की नीति ने पाकिस्तान को पूरी तरह से कन्फ्यूज कर दिया है।
हाल ही में खबर आई है कि रामबन जिले में चेनाब नदी पर बने बगलिहार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के बांध से पानी बह रहा है, हालांकि सभी गेट बंद कर दिए गए थे। सूत्रों का कहना है कि भारत ने चेनाब नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ दिया है, जिससे पाकिस्तान के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। पाकिस्तान में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, और लाहौर तथा पंजाब प्रांत के कई इलाकों में अलर्ट जारी किया गया है। सियालकोट में भी बाढ़ का खतरा बढ़ने की सूचना है।
भारत की एक्शन ने बढ़ाई पाकिस्तान की चिंता
चेनाब नदी का पानी अचानक से बढ़ने से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान इस स्थिति से निपटने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। भारत ने सिंधु जल संधि के तहत अपनी शर्तों पर काम करते हुए यह कदम उठाया है, जिससे पाकिस्तान की स्थिति और भी दयनीय हो गई है।
भारत के इस कदम से पाकिस्तान की परेशानी और बढ़ गई है। पाकिस्तान ने पहले सिंधु जल संधि को निलंबित करने की धमकी दी थी, लेकिन अब तक वह कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सका है। पाकिस्तान की ओर से परमाणु धमकियां भी जारी हो रही हैं, लेकिन भारत ने अपनी नीति पर कायम रहते हुए कई ठोस कदम उठाए हैं।
पाकिस्तान में जल संकट की बढ़ती चिंता
पाकिस्तान के सिंधु जल प्राधिकरण (IRSA) ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि इस वर्ष के खरीफ फसल के लिए जल संकट हो सकता है। प्राधिकरण ने कहा कि खरीफ सीजन के शुरू में 21 प्रतिशत पानी की कमी हो सकती है, और यदि चेनाब नदी का प्रवाह सामान्य नहीं हुआ तो यह संकट और भी गंभीर हो सकता है।
भारत का कदम पाकिस्तान के लिए मुसीबत
भारत द्वारा चेनाब नदी में अचानक पानी छोड़ने से पाकिस्तान के कई इलाके प्रभावित हो गए हैं। बगलिहार डेम के गेट बंद कर दिए गए थे, जिससे नदी का प्रवाह 90 प्रतिशत तक घट गया था। अब, भारत द्वारा पानी छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान में बाढ़ जैसी स्थितियां उत्पन्न हो गई हैं।