नई दिल्ली स्थित नेशनल मीडिया सेंटर में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान ‘गगनयान’ को लेकर अहम जानकारी दी गई। इस अवसर पर इसरो प्रमुख वी. नारायणन और केंद्रीय विज्ञान व अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन का प्रक्षेपण अब 2027 की पहली तिमाही में प्रस्तावित है।
मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन की सफलता में नौसेना और कोस्ट गार्ड की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। विशेष रूप से डीप सी मिशन के लिए नौसेना के तकनीकी सहयोग की आवश्यकता जताई गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 भारत के लिए अंतरिक्ष और समुद्र दोनों में नए कदम रखने वाला उत्साहजनक समय होगा।
इस अवसर पर इसरो अध्यक्ष ने यह जानकारी भी दी कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (GLEX-2025) का आयोजन 7 से 9 मई 2025 तक दिल्ली में किया जाएगा।
IN-SPACe से निजी क्षेत्र को मिली नई राह
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तीन वर्ष पूर्व अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी निवेश के लिए खोले जाने के निर्णय से देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि IN-SPACe नामक एक इंटरफ़ेस के माध्यम से निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों को इसरो से जुड़ने का अवसर मिला है, जिससे एक सशक्त सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल की स्थापना संभव हुई है।
गगनयान सिर्फ एक मिशन नहीं, भारत की अंतरिक्ष ताकत का संकेत
डॉ. सिंह ने यह भी कहा कि इस साल के शुरू में हुए टीवी-डी1 और पहले मानवरहित एबॉर्ट मिशन की सफलता ने आगे के परीक्षणों की मजबूत नींव रखी है। दूसरा परीक्षण मिशन टीवी-डी2 वर्ष 2025 के अंत में प्रस्तावित है, इसके बाद मानवरहित ऑर्बिटल फ्लाइट्स शुरू होंगी और अंततः 2027 में भारतीय अंतरिक्ष यात्री देश के स्वदेशी रॉकेट के ज़रिए कक्षा में जाएंगे।
उन्होंने कहा कि गगनयान महज एक वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की स्वदेशी तकनीक, आर्थिक दक्षता और दूरदर्शी नेतृत्व की मिसाल है। उन्होंने प्रधानमंत्री के दीर्घकालिक अंतरिक्ष विज़न का भी उल्लेख किया, जिसमें 2035 तक भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजने की योजना शामिल है।
90 प्रतिशत कार्य पूर्ण: ISRO अध्यक्ष
ISRO चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि गगनयान मिशन का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और अब यह अंतिम परीक्षण चरण में है। साथ ही उन्होंने GLEX-2025 सम्मेलन की मेजबानी की जानकारी भी साझा की, जिसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ (IAF) द्वारा आयोजित किया जाएगा और इसरो इसकी मेजबानी करेगा।