12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 भीषण दुर्घटना का शिकार हो गई थी, जिसमें 241 यात्रियों की जान चली गई थी। इस त्रासदी के ठीक 38 घंटे बाद 14 जून की सुबह दिल्ली से वियना जा रही एक और एयर इंडिया फ्लाइट एक गंभीर तकनीकी स्थिति से गुज़री, लेकिन समय रहते कार्रवाई होने से बड़ा हादसा टल गया।
उड़ान के दौरान 900 फीट तक नीचे आया विमान
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 777 विमान ने सुबह 2:56 बजे दिल्ली से उड़ान भरी थी। उड़ान के शुरुआती चरण में ही जब विमान राजधानी के ऊपर तूफानी मौसम से गुजर रहा था, उसे ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम (GPWS) से दो “Do Not Sink” चेतावनियां प्राप्त हुईं। ये चेतावनियां विमान की ऊंचाई में खतरनाक गिरावट को दर्शाती हैं।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार, विमान उड़ान भरने के कुछ समय बाद लगभग 900 फीट की ऊंचाई से नीचे आ गया था। हालांकि बाद में यह विमान सुरक्षित रूप से 9 घंटे 8 मिनट की उड़ान के बाद वियना पहुंचा। इसके बावजूद इस गंभीर घटना को लेकर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने जांच शुरू कर दी है।
स्टिक शेक अलर्ट से पायलटों को सतर्क किया गया
जानकारी के अनुसार, उड़ान के दौरान पायलटों को ‘स्टिक शेक’ अलर्ट भी मिला, जो कि एक गहन चेतावनी है और पायलटों का तत्काल ध्यान आकृष्ट करती है। यह अलर्ट सिस्टम किसी संभावित स्टॉल (विमान की रफ्तार और ऊंचाई में असामंजस्य) को दर्शाता है और सुधारात्मक कार्रवाई की मांग करता है।
पायलटों को घटना के बाद ड्यूटी से अस्थायी रूप से हटा दिया गया है। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि घटना की जानकारी DGCA को नियमों के अनुरूप दी गई थी और ब्लैक बॉक्स डेटा मिलने के बाद जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
DGCA ने एयरलाइन से मांगी रिपोर्ट, सुरक्षा पर कड़ा रुख
17 जून को DGCA ने एयर इंडिया को लिखित रूप से यह हिदायत दी कि वह विमान रखरखाव, संचालन, इंजीनियरिंग और ग्राउंड हैंडलिंग विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करे और सुरक्षा प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दे। AI 171 दुर्घटना के बाद से DGCA पहले ही एयरलाइन के पूरे सुरक्षा प्रबंधन पर विशेष निगरानी रखे हुए है।