प्रयागराज। रविवार को करछना के इसौटा गांव में दलित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक और सांसद चंद्रशेखर को सर्किट हाउस में रोके जाने के बाद समर्थकों ने भारी हंगामा किया। इसके बाद सोमवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भीम आर्मी से जुड़े 51 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब तक 100 से अधिक उपद्रवियों की पहचान वीडियो फुटेज, तस्वीरों और सीसीटीवी के जरिए की जा चुकी है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की 18 टीमों के साथ एसओजी भी तैनात है और 38 से ज्यादा गांवों में छापेमारी जारी है।
गौरतलब है कि 13 अप्रैल को करछना क्षेत्र के इसौटा गांव में अनुसूचित जाति के युवक देवीशंकर की हत्या कर उसका शव जला दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने क्षत्रिय समुदाय के सात लोगों सहित आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद मृतक के परिवार को सरकारी सहायता स्वरूप आर्थिक मदद, खेती की जमीन और आवासीय भूमि आवंटित की गई थी। हालांकि, स्थानीय भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार को कोई मदद नहीं दी गई है, जिससे मामला फिर गरमाया।
रविवार को चंद्रशेखर पीड़ित परिवार से मिलने प्रयागराज पहुंचे। पुलिस ने उन्हें गांव जाने की अनुमति नहीं दी और सर्किट हाउस में ही मुलाकात कराने की व्यवस्था की। पीड़ित परिवार को जीप से लाया जा रहा था, तभी रास्ते में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए रास्ता जाम कर दिया। इस दौरान हनुमान मोरी और भड़ेवरा बाजार में हिंसा भड़क गई, जिसमें पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। पुलिस की जीप समेत 40 से ज्यादा वाहन क्षतिग्रस्त हुए और दो दर्जन बाइकें जला दी गईं। दुकानों को नुकसान पहुंचा और राहगीरों को भी निशाना बनाया गया। हिंसा में 12 पुलिसकर्मियों समेत 35 लोग घायल हुए।
इंस्पेक्टर करछना की शिकायत पर भीम आर्मी के 54 नामजद कार्यकर्ताओं सहित 550 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। रविवार देर रात 51 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। संगठन के करछना तहसील अध्यक्ष अभय उर्फ सोनू और उपाध्यक्ष प्रतीक देव वर्मन अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भड़ेवरा बाजार में भारी पुलिस बल तैनात है। सभी दुकानें खुली हैं और अफवाह फैलाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रशेखर ने की सीबीआई जांच की मांग
सांसद चंद्रशेखर ने हिंसा में शामिल लोगों को अपनी पार्टी का कार्यकर्ता मानने से इनकार किया है और करछना की घटना की सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि उपद्रव में कौन लोग शामिल थे और इसके पीछे किसकी साजिश थी। उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए आरोप लगाया कि कुछ अराजक तत्वों ने भीम आर्मी का नाम बदनाम करने के लिए नीला पट्टा पहनकर हिंसा की, जबकि पुलिस उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि जल्द ही लखनऊ में आंदोलन किया जाएगा और अन्याय के खिलाफ लड़ाई और तेज की जाएगी।