मंत्री की शिकायत के बाद योगी सरकार ने स्टांप विभाग के 202 तबादलों को किया रद्द

योगी सरकार ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में बिना नियमों का पालन किए गए 202 तबादलों को निरस्त कर दिया है। कुछ दिन पहले तबादलों में अनियमितताओं की शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत ही इन तबादलों पर रोक लगा दी थी। सोमवार को जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद सभी तबादलों को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया। इस आदेश को प्रमुख सचिव अमित गुप्ता ने जारी किया है।

यह तबादलें तब के महानिरीक्षक समीर वर्मा द्वारा की गई थीं, जिनमें 59 उपनिबंधकों का स्थानांतरण, 29 नए पदस्थापन और 114 लिपिकों के तबादले शामिल थे। विभाग की नीति के अनुसार समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कर्मचारियों के तबादले से पहले विभागीय मंत्री से सलाह-मशविरा करना आवश्यक होता है, लेकिन आरोप हैं कि महानिरीक्षक ने बिना किसी चर्चा के मनमाने ढंग से ये तबादले किए।

इस मामले में स्टांप और न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी तबादलों को रोक दिया और समीर वर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया गया। मंत्री ने कहा कि जांच में गड़बड़ी साबित होने के कारण तबादले निरस्त किए गए हैं। उन्होंने साफ कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

मंत्री ने महानिरीक्षक के खिलाफ की कड़ी कार्रवाई की मांग

कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तबादलों में अनियमितताओं को देखते हुए उपनिबंधकों और लिपिकों के तबादलों पर रोक लगाई थी और नियमों के उल्लंघन की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने महानिरीक्षक समीर वर्मा के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनका तबादला या लंबी छुट्टी पर भेजने की मांग की थी, साथ ही मामले की एसटीएफ से जांच कराने की भी सिफारिश की थी।

मंत्री ने 18 जून को लिखे पत्र में महानिरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतों का हवाला देते हुए कहा था कि उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों को बिना उचित जांच के अपनी मनमर्जी से तैनात किया। मंत्री ने बताया कि तबादलों को लेकर उनसे केवल औपचारिक बातचीत की गई और फिर महानिरीक्षक ने कहा कि यह उनका अधिकार है, जिसके बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर दिया। इसके बाद उनकी उपलब्धता के बारे में सही जानकारी नहीं मिली। तबादलों की सूची देखने से स्पष्ट होता है कि इसमें गंभीर लापरवाही की गई है।

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