आगरा के फतेहाबाद क्षेत्र के मदरा गांव में शनिवार को बिजली चोरी रोकने पहुंची बिजली विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। टीम जैसे ही मीटर लगाने पहुंची, ग्रामीणों ने विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया। हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस घटना में दो पुलिस उपनिरीक्षक सहित करीब 12 लोग घायल हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें दौड़ाकर पीटा।
बमरौली कटारा व आसपास के गांवों में लंबे समय से बिजली चोरी की शिकायतें मिल रही थीं। इसी के चलते शनिवार दोपहर दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और टोरंट पावर की टीम पुलिस बल के साथ मदरा गांव पहुंची थी। टीम के सदस्य मीटर लगाने का कार्य कर रहे थे, तभी विवाद शुरू हो गया और मामला हिंसक रूप ले गया।
घटना में टोरंट के कर्मी प्रेम सिंह, धनवीर सिंह, मोहम्मद अमीन और पुलिस उप निरीक्षक कुलदीप कुमार व करण सिंह घायल हो गए। साथ ही सात ग्रामीणों को भी चोटें आई हैं। टोरंट कर्मचारी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि गांव में बिजली चोरी रोकने के लिए पोल टॉप बॉक्स और ग्रुप मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा था। इससे पहले भी दो बार प्रयास किए गए थे, लेकिन ग्रामीणों ने अनुमति नहीं दी थी।
100 से अधिक ग्रामीणों पर मुकदमा दर्ज करने की तहरीर
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी ने थाने में सौ से अधिक ग्रामीणों के खिलाफ टीम पर हमला करने की शिकायत दी है। घायल कर्मियों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। घटना की जानकारी मिलने पर भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) और अराजनैतिक संगठन के प्रतिनिधि भी गांव पहुंचे।
ग्रामीणों ने लगाए आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रुप मीटर लगाने का खर्च उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा था और इस पर रविवार को बातचीत तय थी, लेकिन टीम शनिवार को ही गांव पहुंच गई और जबरन मीटर लगाने लगी। विरोध करने पर पुलिस ने लाठियां चलाईं और ग्रामीणों को पीटा। पुलिस कार्रवाई में निरंजन सिंह (60), उनकी पत्नी ममता, गजेंद्र, रनुआ, विष्णु सहित कई लोग घायल हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें मेडिकल के लिए पत्र भी नहीं दे रही है।
पुलिस ने कहा— दोषियों की होगी पहचान
डीसीपी पूर्वी सैय्यद अली अब्बास ने बताया कि पुलिस और टोरंट की टीम पर हमला हुआ है। दर्ज तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया जा रहा है और दोषियों की पहचान कर उन्हें जेल भेजा जाएगा।