अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि जब डीएनए नमूने से पहचान नहीं हो पाती, तब परिवार के किसी अन्य सदस्य से सैंपल लिया जाता है। यदि पहले किसी भाई या बहन का सैंपल लिया गया हो और मेल नहीं हो, तो अब अन्य भाई-बहन का सैंपल लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर प्राथमिकता पिता, पुत्र या पुत्री के नमूने लेने की होती है, लेकिन उनके अनुपलब्ध होने पर परिवार के अन्य करीबी सदस्यों के सैंपल लिए जाते हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अधिकतर मामलों में भाई-बहनों के सैंपल से पहचान सफल रही है। वर्तमान में ऐसे आठ परिवार हैं जिनके पहले सैंपल का मिलान नहीं हुआ, इसलिए दूसरा सैंपल मांगा गया है। शुक्रवार तक 231 मृतकों की पहचान डीएनए परीक्षण से की जा चुकी है और 210 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं।
जोशी ने कहा कि डीएनए मिलान एक अत्यंत संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें कानूनी पहलुओं का भी ध्यान रखा जाता है। इसी कारण इसे पूरी गंभीरता और गति के साथ अंजाम दिया जा रहा है। शवों की शीघ्र पहचान और सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार सुनिश्चित करने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रशासनिक इकाइयाँ, राज्य स्वास्थ्य विभाग और अन्य एजेंसियाँ समन्वय में काम कर रही हैं।
दीपक पाठक का अंतिम संस्कार, भावुक हुए लोग
एयर इंडिया के क्रू सदस्य दीपक पाठक का अंतिम संस्कार शनिवार को बदलापुर के श्मशान घाट पर हजारों लोगों की मौजूदगी में हुआ। 34 वर्षीय दीपक एयर इंडिया में पिछले 11 वर्षों से कार्यरत थे और 12 जून को दुर्घटनाग्रस्त हुई लंदन जाने वाली फ्लाइट में बतौर चालक दल सदस्य थे।
उनकी पहचान डीएनए परीक्षण से की गई, जिसके नौ दिन बाद उनका शव परिजनों को सौंपा गया। जब उनका ताबूत अंबरनाथ-बदलापुर रोड स्थित आवास पहुंचा, तो माहौल भावुक हो गया। लोगों ने फूलों से सजे वाहन के पीछे चलते हुए उन्हें अंतिम विदाई दी। परिजनों ने बताया कि उड़ान भरने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की थी और उस सुबह अपनी मां को फोन कर ‘गुड मॉर्निंग’ कहा था — वही उनकी अंतिम बातचीत थी। दीपक पांच भाई-बहनों में तीसरे थे और चार साल पहले उनका विवाह हुआ था। वे अपने माता-पिता, पत्नी और दो विवाहित बहनों को पीछे छोड़ गए।
मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू, तीन परिवारों को मिली राशि
एयर इंडिया ने विमान हादसे में जान गंवाने वाले और घायल हुए यात्रियों के परिजनों को 25 लाख रुपये की अंतरिम सहायता देना शुरू कर दिया है। एयरलाइन ने जानकारी दी कि 20 जून से भुगतान प्रक्रिया शुरू की गई है और अब तक तीन परिवारों को यह राशि दी जा चुकी है, जबकि अन्य दावों पर काम जारी है।
मानसिक और भावनात्मक सहयोग के लिए प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम अहमदाबाद में तैनात की गई है। साथ ही, मेडिकल स्टाफ में नर्स और फार्मासिस्ट भी शामिल हैं, जो स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
एयर इंडिया ने 14 जून को इस मुआवजा योजना की घोषणा की थी। यह अंतरिम सहायता टाटा संस द्वारा घोषित 1 करोड़ रुपये के अलग मुआवजे के अतिरिक्त है। इसके अलावा, 15 जून से एक केंद्रीकृत हेल्प डेस्क भी कार्यरत है, जो दस्तावेज़ों की जांच और दावों की प्रक्रिया को तेज़ी से संपन्न करने में मदद कर रहा है।
मृतकों के शवों की पहचान की प्रक्रिया में भी एयर इंडिया सक्रिय सहयोग कर रही है। जब शव अस्पताल से छोड़े जाते हैं, तब एक प्रतिनिधि परिवार के साथ रहता है ताकि शव का सुरक्षित और सम्मानजनक अंतिम संस्कार सुनिश्चित किया जा सके।
247 मृतकों की डीएनए जांच से हुई पहचान
अहमदाबाद में 12 जून को हुए विमान हादसे में मारे गए 270 लोगों में से 247 की पहचान डीएनए परीक्षण से हो चुकी है। इनमें से 232 शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह विमान लंदन के लिए रवाना हुआ था, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद यह मेघाणीनगर क्षेत्र के एक छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में कुल 270 लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें से 241 विमान में सवार थे। एक यात्री इस दुर्घटना में जीवित बचा।