दिल्ली में आमजन की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की शुरुआत की गई है। इस पहल के तहत राजधानी में अभी तक 33 केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है, जबकि भविष्य में 1139 और आरोग्य मंदिर खोले जाने की योजना है। इसी क्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने एक आरोग्य मंदिर का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह केंद्र प्राथमिक उपचार से जुड़ी सभी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में 15 से 17 और प्रत्येक वार्ड में 4 से 5 आरोग्य मंदिर खोले जाएंगे। साथ ही जन औषधि केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को कम दामों पर दवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत मिलने वाला 2400 करोड़ रुपये का पूरा फंड जनता की सेवा में व्यय किया जाएगा, न कि विज्ञापन पर।
AAP पर मंत्री का तंज
प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मोहल्ला क्लीनिकों का इस्तेमाल केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को किराया देने के लिए किया गया। उन्होंने दावा किया कि कई मोहल्ला क्लीनिक ऐसे स्थानों पर बने हैं जहां साफ-सफाई का अभाव है और स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इन क्लीनिकों का इस्तेमाल नहीं करते।
उन्होंने यह भी कहा कि आरोग्य मंदिर में एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी की सुविधाएं एक साथ उपलब्ध होंगी और यह सुविधा जनता का अधिकार है, जिसे देना सरकार का कर्तव्य है।
आप का पलटवार: ‘पुरानी बिल्डिंग, नया नाम’
वहीं आम आदमी पार्टी ने इस योजना को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जिन मोहल्ला क्लीनिकों और डिस्पेंसरी की शुरुआत केजरीवाल सरकार ने की थी, उन्हीं भवनों को मामूली बदलाव के साथ ‘नए’ आयुष्मान आरोग्य मंदिर बताया जा रहा है।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भारद्वाज ने दावा किया कि चिराग दिल्ली स्थित जिस वातानुकूलित डिस्पेंसरी का उद्घाटन 2017 में हुआ था, आज उसे बीजेपी की उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भवन पर आज भी उद्घाटन की पुरानी पट्टिका लगी है, जिसमें उनका और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का नाम अंकित है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
जहां एक ओर बीजेपी दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का दावा कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे केवल नाम बदलने की कवायद करार दे रही है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर की यह योजना राजनीतिक बहस का केंद्र बन गई है और दोनों दल एक-दूसरे पर स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं।