उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में शनिवार देर रात तेज बारिश के बीच यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना सामने आई है। इस हादसे में एक निर्माणाधीन होटल स्थल क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे कई श्रमिक लापता हो गए हैं। प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर बचाव और खोज अभियान में जुटी हुई हैं।
घटना की जानकारी और रेस्क्यू कार्य
जानकारी के अनुसार, रात लगभग 12 बजे तेज बारिश के दौरान पालीगाड़-ओजरी डाबरकोट क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ से सड़क किनारे टेंट में ठहरे कुछ मजदूर बह गए। पुलिस के अनुसार, इन मजदूरों की संख्या आठ से नौ बताई जा रही है, और सभी नेपाली मूल के हैं। जिला अधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया कि लापता लोगों की तलाश जारी है, जबकि दस श्रमिकों को सुरक्षित निकालकर पालीगाड़ पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिए राहत कार्य तेज करने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को लेकर अधिकारियों से स्थिति की जानकारी ली और राहत कार्य को युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी घटनाक्रम पर चिंता जताते हुए लिखा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां राहत-बचाव अभियान में जुटी हैं। सीएम ने कहा कि वह लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
मलबे से रुका यमुना नदी का बहाव, झील का रूप लेने लगा पानी
स्यानाचट्टी क्षेत्र में कुपड़ा कुनसाला मोटर मार्ग के पास भारी मलबा आने से यमुना नदी का प्रवाह थम गया, जिससे वहां झील बनने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल है। बताया गया है कि नदी का पानी अब होटल की सीढ़ियों तक पहुंच गया है।
यमुनोत्री हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध
बादल फटने के कारण यमुनोत्री हाईवे पर कई जगहों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे आवागमन बाधित है। ओजरी के पास सड़क पूरी तरह बह चुकी है और आसपास के खेतों में मलबा भर गया है। एनएच विभाग रास्ता खोलने में जुटा हुआ है। स्यानाचट्टी में भी मोटर पुल पर खतरा मंडरा रहा है।
प्रदेश में भारी बारिश का रेड अलर्ट
उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता के चलते मौसम विभाग ने अगले तीन दिन (29 जून से 1 जुलाई) तक देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चंपावत, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी दी है। वहीं, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के कुछ हिस्सों में भी तेज बारिश के आसार हैं।
एहतियात की अपील
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने लोगों से अपील की है कि भूस्खलन, जलभराव और नदियों के जलस्तर में वृद्धि की आशंका के चलते लोग सतर्क रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में।
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