वैश्विक तनाव का असर: देश की 63% कंपनियों ने भर्तियों पर लगाई रोक, कई जगह छंटनी शुरू

ईरान-इज़राइल युद्ध और वैश्विक स्तर पर बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों का असर अब भारतीय कॉर्पोरेट जगत पर भी साफ दिखने लगा है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, देश की 63 प्रतिशत कंपनियों ने नई भर्तियों पर रोक लगा दी है, जबकि कुछ ने कर्मचारियों की छंटनी भी शुरू कर दी है। यह रिपोर्ट जीनियस कंसल्टेंट्स द्वारा जारी की गई है, जो स्टाफिंग और एचआर सेवाएं प्रदान करती है।

वैश्विक अनिश्चितता के बीच कंपनियों का रुख सख्त

12 मई से 6 जून तक किए गए इस ऑनलाइन सर्वे में देशभर के विभिन्न उद्योगों से जुड़े 2,006 कर्मचारियों से जानकारी जुटाई गई। सर्वे में सामने आया कि 15% कंपनियां अब स्थायी नियुक्तियों के बजाय कॉन्ट्रैक्ट या फ्रीलांसिंग को प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे वे दीर्घकालिक प्रतिबद्धता से बच सकें।

रिपोर्ट के अनुसार, जियोपॉलिटिकल अस्थिरता के चलते भर्तियों के साथ-साथ वेतन वृद्धि, बोनस, परफॉर्मेंस रिव्यू और कार्य का दबाव भी कर्मचारियों को प्रभावित कर रहे हैं।

तनख्वाह, बोनस और सुरक्षा में कटौती

रिपोर्ट में बताया गया कि 36% कर्मचारियों को वेतन और बोनस में कटौती या विलंब का सामना करना पड़ रहा है। कंपनियां लागत कम करने के लिए इन सुविधाओं पर रोक लगा रही हैं, जिससे खासकर मध्यम वर्गीय कर्मचारियों पर दोहरा दबाव पड़ा है—एक ओर बढ़ती महंगाई और दूसरी ओर घटती आमदनी।

साथ ही, 21% कर्मचारियों ने बढ़े हुए कार्यभार और सख्त डेडलाइन्स की शिकायत की है, जिससे मानसिक दबाव भी बढ़ रहा है।

विदेशी परियोजनाओं और यात्रा पर ब्रेक

सर्वे के अनुसार, 22% प्रतिभागियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा और परियोजनाओं पर रोक लगाई गई है, जिससे विशेष रूप से विदेशों से जुड़े कारोबार प्रभावित हुए हैं। वहीं, 21% ने कार्यस्थल पर मनोबल में गिरावट और नौकरी जाने का डर व्यक्त किया है।

नौकरी को लेकर बढ़ रही चिंता

लगभग 30% कर्मचारियों ने मौजूदा हालात को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की, जबकि 26% कर्मचारी स्थिति पर निगरानी रख रहे हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि बाजार में अस्थिरता से न केवल कंपनियों की रणनीति प्रभावित हो रही है, बल्कि कर्मचारियों का आत्मविश्वास भी कमजोर हो रहा है।

कर्मचारी भी ले रहे हैं एहतियाती कदम

इस बदलते दौर में कर्मचारी भी सजग हो गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 55% कर्मचारी अपने कौशल को निखारने या नए कोर्स कर रहे हैं, ताकि भविष्य में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाए रख सकें। इसके अलावा, 31% कर्मचारी वैकल्पिक नौकरियों की तलाश में जुटे हुए हैं, विशेषकर युवा वर्ग, जो अस्थिरता को लेकर ज्यादा सतर्क हैं।

कामकाज के नए दौर की शुरुआत

जीनियस कंसल्टेंट्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर. पी. यादव ने कहा, “यह रिपोर्ट आज के दौर की वास्तविकता को उजागर करती है। हम केवल आर्थिक संकट नहीं, बल्कि कार्य संस्कृति में बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनियों को अधिक पारदर्शी और लचीला रवैया अपनाने की आवश्यकता है, जबकि कर्मचारियों को अनुकूलनशीलता और दृढ़ता दिखानी होगी।

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