जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का रुख आक्रामक नजर आ रहा है। वे लगातार पाकिस्तान और देश के गद्दारों पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं, जिसके चलते उन पर कई राजनीतिक दलों ने आरोप लगाए हैं। कुछ दलों ने तो उन्हें बीजेपी की ‘बी टीम’ तक करार दिया है। इस पर ओवैसी ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए उनकी आलोचना की है।
विपक्ष पर पलटवार
असदुद्दीन ओवैसी ने विपक्ष द्वारा बीजेपी की ‘बी टीम’ कहे जाने के आरोप को झूठा बताते हुए कहा कि यदि विपक्ष उनके साथ बैठकर चर्चा करे, तो वे ठोस आंकड़ों के साथ अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी का सत्ता में बने रहना उनकी वजह से नहीं, बल्कि विपक्ष की नाकामी का परिणाम है।
सत्ता में बीजेपी के आने की असली वजह
ओवैसी ने कहा कि यदि बीजेपी सत्ता में बनी हुई है, तो इसके लिए केवल विपक्ष जिम्मेदार है। उनका मानना है कि बीजेपी ने हिंदू वोट बैंक पर पकड़ बना ली है और विपक्ष ने इसे रोकने में नाकामी दिखाई है। ओवैसी ने साफ किया कि बीजेपी के सत्ता में आने के लिए उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं है।
मुसलमानों की आवाज को दबाने का आरोप
ओवैसी ने आरोप लगाया कि विपक्ष नहीं चाहता कि मुसलमानों की कोई सशक्त आवाज बने। उन्होंने कहा कि अगर वे हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज जैसी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ते हैं और बीजेपी 240 सीटें जीत जाती है, तो इसका जिम्मेदार विपक्ष होगा, न कि वे। उन्होंने कहा कि विपक्ष की रणनीति मुसलमानों को हाशिए पर रखने की है, जिसमें सभी विपक्षी दल शामिल हैं।
अल्पसंख्यकों की स्थिति पर सवाल
ओवैसी ने यह भी कहा कि यादव नेता होगा तो मुसलमान हाशिए पर होगा, अपर कास्ट नेता होगा तो भी मुसलमान की स्थिति भिखारी जैसी होगी। उन्होंने कहा कि जब देश के मसलों की बात होगी, वे हमेशा साथ खड़े रहेंगे, लेकिन जब देश के भीतर के मुद्दों पर सवाल उठाने की बारी आएगी, तो चुप नहीं बैठेंगे। ओवैसी ने संसद में अल्पसंख्यकों की कम हिस्सेदारी पर भी चिंता जताई, जहां सिर्फ 4 प्रतिशत ही अल्पसंख्यक सांसद हैं।