शिमला। हिमाचल प्रदेश में सक्रिय मानसून ने एक बार फिर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार को भारी वर्षा के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों से तबाही की खबरें सामने आईं। राजधानी शिमला में एक पांच मंजिला इमारत गिर गई, जबकि रामपुर क्षेत्र के सिकासेरी गांव में बादल फटने से कई मवेशी बह गए। भूस्खलन और तेज बहाव के चलते कई मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
शिमला में ढही पांच मंजिला इमारत
शिमला के भट्टाकुफर इलाके में सोमवार को एक बहुमंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। सौभाग्यवश, कोई जनहानि नहीं हुई क्योंकि जिला प्रशासन ने समय रहते भवन को खाली करवा दिया था। इसी क्षेत्र की दो अन्य इमारतें भी खतरे की जद में बताई जा रही हैं। वहीं, चमियाना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित माथू कॉलोनी में भी एक भवन क्षतिग्रस्त हुआ है।
रामपुर में बादल फटा, जानवर बहे
रामपुर की सरपारा पंचायत के सिकासेरी गांव में बादल फटने की घटना ने तबाही मचाई। दो गौशालाएं, एक रसोईघर और कमरा बह गया, जबकि तीन गायें और दो बछड़े तेज बहाव में समा गए। घटना में किसी व्यक्ति के हताहत होने की सूचना नहीं है।
शिमला-चंडीगढ़ हाईवे और कई मार्ग बाधित
लगातार वर्षा के चलते शिमला-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पांच स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे यातायात को एक लेन में मोड़ा गया और लंबा जाम लग गया। सोलन जिले के चक्की मोड़ और डेलगी क्षेत्र में भी मलबा गिरने से सुबाथू-वाकनाघाट मार्ग सहित कई रास्ते बंद हो गए हैं।
259 सड़कें बंद, बिजली आपूर्ति ठप
राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण प्रदेशभर में 259 सड़कें बंद हैं। साथ ही, 130 से अधिक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में बाढ़ की आशंका बनी हुई है। 2 जुलाई को कई क्षेत्रों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ और 6 जुलाई तक राज्य में वर्षा का अनुमान है।
मानसून ने ली अब तक 20 जानें
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, 20 जून से 29 जून के बीच तेज आंधी, मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार लोग अब भी लापता हैं। पालमपुर, बैजनाथ, सुंदरनगर, मुरारी देवी, कांगड़ा और शिमला क्षेत्र में तेज तूफान ने भी तबाही मचाई।