भारत ही नहीं, एशिया के सबसे संपन्न उद्योगपति मुकेश अंबानी ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक राशि दान की है। यह अब तक संस्थान को मिला सबसे बड़ा निजी अनुदान है। अंबानी ने 1970 के दशक में इसी संस्थान से शिक्षा प्राप्त की थी, जो उस समय यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (UDCT) के नाम से जाना जाता था। 1933 में स्थापित यह संस्थान 2008 में ICT नाम से डीम्ड यूनिवर्सिटी बना।
गुरु दक्षिणा में दी ऐतिहासिक धनराशि
मुकेश अंबानी ने यह घोषणा पुस्तक ‘द डिवाइन साइंटिस्ट’ के विमोचन अवसर पर की। यह पुस्तक पद्मविभूषण प्रोफेसर मन मोहन शर्मा के जीवन और योगदान पर आधारित है, जिन्हें भारतीय केमिकल इंजीनियरिंग का पथप्रदर्शक माना जाता है। अंबानी ने इसे गुरु दक्षिणा बताते हुए कहा कि प्रोफेसर शर्मा के कहने पर ही उन्होंने यह योगदान देने का निर्णय लिया।
अंबानी ने भावुक स्वर में कहा, “जब गुरु बोलते हैं, तो शिष्य सिर्फ सुनता है। उन्होंने मुझसे ICT के लिए कुछ बड़ा करने को कहा, और यह दान उनके प्रति मेरी श्रद्धा है।” उन्होंने UDCT परिसर को ‘पवित्र स्थल’ बताते हुए प्रोफेसर शर्मा को अपना सबसे प्रेरणादायक मार्गदर्शक कहा।
IIT की जगह क्यों चुना UDCT?
मुकेश अंबानी ने साझा किया कि उन्होंने IIT बॉम्बे के बजाय UDCT को इसलिए चुना क्योंकि प्रोफेसर शर्मा के पहले ही व्याख्यान ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “उनके पास धातुओं ही नहीं, मस्तिष्क को भी बदलने की शक्ति है। वे जिज्ञासा को ज्ञान में और ज्ञान को स्थायी बुद्धिमत्ता में रूपांतरित करने की विलक्षण क्षमता रखते हैं।”
उन्होंने प्रो. शर्मा को ‘राष्ट्र गुरु’ की उपाधि देते हुए भारतीय केमिकल उद्योग की प्रगति का श्रेय उन्हें दिया।