लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के उद्देश्य से पुराने मंदिरों और आस्था स्थलों के पुनरुद्धार की व्यापक योजना पर काम शुरू कर दिया है। पर्यटन विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्तावित योजना के तहत पूर्वांचल के कई प्राचीन मंदिरों, आश्रमों और धार्मिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कर नए रूप में संवारा जाएगा।
इस योजना में संत ऋषि भृगु और दुर्वासा के आश्रमों के अलावा, ऐतिहासिक जैन मंदिरों का भी कायाकल्प प्रस्तावित है। सरकार का उद्देश्य न केवल इन स्थलों की ऐतिहासिक महत्ता को संरक्षित करना है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी पैदा करना है। इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक प्रभावी कदम माना जा रहा है।
योजना के तहत बलिया के भृगु आश्रम स्थित चित्रगुप्त मंदिर और हनुमान मंदिर परिसर (तेंदुआ पट्टी फरसातर, होलपुर) का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। आज़मगढ़ के महाराजगंज स्थित भैरोबाबा स्थल, फूलपुर पवई के दुर्वासा ऋषि आश्रम और मिश्रापुर के राम जानकी मंदिर सहित कन्नौज के फूलमती देवी मंदिर का जीर्णोद्धार भी इस परियोजना का हिस्सा है।
इसके अतिरिक्त आज़मगढ़ के धन्नीपुर व सिंगपुर बांसगांव स्थित स्व. संत परमहंस बाबा की तपस्थली का पर्यटन विकास भी प्रस्तावित कार्यों में शामिल है। इन स्थलों के विकास से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और प्रदेश की धार्मिक पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई मिलेगी।