नई दिल्ली। राजधानी में आज से तय आयु सीमा पार कर चुके वाहनों को पेट्रोल और डीजल देने पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। इस नियम का पालन सुनिश्चित कराने के लिए दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को एक पेट्रोल पंप से दो ऐसे वाहन जब्त किए जिन्हें ‘एंड ऑफ लाइफ व्हीकल’ (ईएलवी) की श्रेणी में रखा गया था। ट्रैफिक इंस्पेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि जब्त वाहनों को अधिकृत स्क्रैप एजेंसी को सौंपा जाएगा, और वाहन मालिकों को नियमों के तहत स्क्रैप मूल्य प्रदान किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्ती
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा जारी निर्देशों के तहत दिल्ली में तय उम्र पूरी कर चुके वाहनों को अब किसी भी पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं दिया जाएगा। इस नीति के तहत परिवहन विभाग ने दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस और नगर निगम के साथ मिलकर एक समन्वित निगरानी योजना तैयार की है।
सख्त निगरानी व्यवस्था
योजना के तहत दिल्ली पुलिस के जवान 1 से 100 नंबर वाले पेट्रोल पंपों पर तैनात रहेंगे, जबकि 101 से 159 नंबर के पंपों पर परिवहन विभाग की 59 विशेष टीमें निगरानी रखेंगी। प्रत्येक चिन्हित पेट्रोल पंप पर एक ट्रैफिक अधिकारी तैनात होगा और दो अतिरिक्त पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद रहेंगे।
कैमरों से होगी निगरानी, उल्लंघन पर भारी जुर्माना
राजधानी के 500 से अधिक पेट्रोल पंपों पर लगे एएनपीआर कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर उनकी आयु की पुष्टि करेंगे। यदि कोई वाहन ‘एंड ऑफ लाइफ’ श्रेणी में आता है, तो पंप कर्मियों को ईंधन न देने का अलर्ट मिलेगा। नियम का उल्लंघन करने पर दोपहिया वाहनों पर ₹5,000 और चारपहिया पर ₹10,000 का जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही वाहन को स्क्रैप यार्ड भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त टोइंग और पार्किंग शुल्क भी भरना होगा। रोजाना की कार्रवाई की रिपोर्ट संबंधित एजेंसियां सीएक्यूएम को देंगी।
आप का विरोध, सौरभ भारद्वाज ने बोला हमला
इस फैसले पर आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों को रोकने का कोई बेहतर तरीका अपनाया जा सकता था। उन्होंने भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “क्या वे अब मानसून के दौरान कृत्रिम वर्षा का पायलट प्रोजेक्ट भी चलाएंगे?” उन्होंने आरोप लगाया कि सड़कों के बड़े गड्ढों की मरम्मत छोड़ दी गई है और सरकार को प्रशासन चलाने का अनुभव नहीं है।