पहलगाम: मंत्रालय के आग्रह के बावजूद कंपनियां वसूल रहीं हवाई यात्रा का मोटा किराया

नागर विमानन मंत्रालय के अनुरोध के बावजूद कई एयरलाइंस कश्मीर में फंसे पर्यटकों से घर वापसी के लिए मोटा किराया वसूल रही हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद एयरलाइंस ने श्रीनगर से देश के प्रमुख शहरों के लिए किराये में दो से चार गुना तक बढ़ोतरी कर दी। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर स्क्रीनशॉट साझा कर बताया कि इस मुश्किल हालात में भी एयरलाइन कंपनियां मुनाफा कमाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं।

लोगों की शिकायतों के चलते केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू ने सभी एयरलाइन ऑपरेटरों के साथ तत्काल बैठक की और किरायों में बढ़ोतरी के खिलाफ सख्त निर्देश जारी करते हुए एयरलाइनों को नियमित किराया स्तर बनाए रखने को कहा गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस संवेदनशील समय के दौरान किसी भी यात्री पर बोझ न पड़े। साथ ही उन्होंने सभी एयरलाइनों को निर्देश दिया कि वे राज्य सरकारों और स्थानीय प्राधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए, मृतक व्यक्तियों को उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने में सहयोग प्रदान करें। नागर विमानन महानिदेशालय ने भी विमानन कंपनियों से कहा था कि वे श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों के टिकटों की कीमतों में बढ़ोतरी न करें। इसके अलावा विमानन कंपनियों से कहा कि वे जम्मू-कश्मीर से पर्यटकों को वापस लाने के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाएं। 

नहीं हुआ असर
एयरलाइन ऑपरेटरों की वेबसाइट पर सर्च करने पर या तो टिकट के दाम बढ़े हुए हैं या फिर टिकट बिक चुके है। श्रीनगर से दिल्ली का बुधवार को किराया एक समय 50 हजार रुपये प्रति व्यक्ति के पार पहुंच गया था। हालांकि मंत्रालय के निर्देश के बाद किराये में थोड़ी कमी आई, लेकिन बुधवार और बृहस्पतिवार की टिकटों के दाम अभी भी 17 हजार नजर आ रहे हैं। कुछ एयरलाइनों के दाम 23 हजार तक भी हैं।

इंडिगो, एअर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा और स्पाइसजेट ने रद्दीकरण शुल्क माफ किया
इंडिगो, एअर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा और स्पाइस जेट ने घोषणा की है कि 20 अप्रैल तक बुक की गई सभी श्रीनगर आने-जाने वाली फ्लाइट्स पर 30 अप्रैल तक के लिए रद्दीकर और रिशेड्यूलिंग शुल्क माफ कर दिया गया है।

मेहमानों को वापस जाते देख दिल टूट रहा : उमर
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि पहलगाम में दुखद आतंकी हमले के बाद हमारे मेहमानों को इस तरह जाते देखना दुखद है, लेकिन हम यह भी अच्छी तरह समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं। डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करने के लिए काम कर रहे हैं। श्रीनगर व जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को एक दिशा में यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रशासन को श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात को सुगम बनाने का निर्देश दिया है ताकि पर्यटकों के वाहन निकल सकें। 

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