सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय फास्टैग (FASTag) के दायरे को नेशनल हाईवे से आगे बढ़ाकर अन्य सेवाओं में उपयोग करने की योजना पर काम कर रहा है। अब तक इसका उपयोग केवल टोल वसूली के लिए होता रहा है, लेकिन सरकार चाहती है कि इसे इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग, पार्किंग शुल्क और मोटर बीमा जैसी सेवाओं में भी जोड़ा जाए। इससे न सिर्फ फास्टैग का प्रसार होगा, बल्कि नागरिकों को एकीकृत और सुगम सेवाएं भी मिल सकेंगी।
फिनटेक कंपनियों के साथ विचार-विमर्श
इसी दिशा में इंडियन हाईवेज मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (IHMCL), जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अंतर्गत कार्यरत है, ने बुधवार को प्रमुख फिनटेक कंपनियों के साथ बैठक की। बैठक का उद्देश्य फास्टैग प्रणाली के नए संभावित उपयोगों पर विचार करना था। इसमें नियमों, शिकायत निवारण, डेटा सुरक्षा और टोल से इतर संभावनाओं जैसे विषयों पर संवाद किया गया।
मंत्रालय के अनुसार, इस चर्चा से फास्टैग को और अधिक प्रभावी एवं बहु-उपयोगी बनाया जा सकेगा, जिससे तकनीकी पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
MLFF सिस्टम पर भी चर्चा
बैठक में मल्टी लेन फ्री फ्लो (MLFF) टोलिंग व्यवस्था को लेकर भी फिनटेक कंपनियों को जानकारी दी गई। यह तकनीक फास्टैग और वाहन नंबर को RFID और ANPR कैमरे की मदद से पढ़ती है, जिससे वाहन बिना रुके टोल प्लाजा पार कर सकता है और शुल्क स्वचालित रूप से कट जाता है। इससे टोल प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की उम्मीद है।