उत्तर प्रदेश में नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत अभी भी लगभग 55 हजार बच्चों का निजी स्कूलों में प्रवेश नहीं हो पाया है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशालय ने इस मामले में कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिया गया कि जिन स्कूलों ने बच्चों को प्रवेश नहीं दिया है, उन्हें नोटिस जारी कर कारण पूछा जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया चार चरणों में पूरी हुई, जिसमें कुल 1.85 लाख बच्चों को स्कूलों में सीटें आवंटित की गईं। अब तक 1.30 लाख बच्चों का सफलतापूर्वक प्रवेश हो चुका है, जबकि 55 हजार बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया अभी अधूरी है।
नए सत्र की शुरुआत 1 जुलाई से होनी है, ऐसे में बेसिक शिक्षा निदेशालय ने निजी विद्यालयों को बच्चों के प्रवेश के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। यदि कोई स्कूल बिना उचित कारण के प्रवेश से इनकार करता है, तो उसकी मान्यता समाप्त करने की भी सिफारिश की जा सकती है।
बेहतर प्रवेश वाले जिले:
बहराइच (90%), बलरामपुर (92%), गोंडा (94%), श्रावस्ती (91%), देवरिया (90%), फिरोजाबाद (93%), हरदोई (91%), ललितपुर (92%), प्रतापगढ़ (92%) और पीलीभीत (89%) में आवंटित सीटों के मुकाबले प्रवेश का प्रतिशत उच्च रहा।
कम प्रवेश वाले जिले:
मुरादाबाद (33%), गाजियाबाद (52%), मेरठ (53%), महराजगंज (64%), कौशांबी (64%), अयोध्या (66%), गौतमबुद्ध नगर (63%), कानपुर नगर (48%), कानपुर देहात (65%) और कन्नौज (59%) में प्रवेश प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा।