लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुक्रवार को गोमती नगर स्थित पॉलीटेक्निक चौराहे के निकट सहारा बाजार पर कब्जा कर लिया। यह कदम सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन द्वारा लीज शर्तों के उल्लंघन और अनियमितताओं के चलते उठाया गया। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार द्वारा लीज डीड रद्द करने के बाद भूखंड पर दोबारा नियंत्रण के आदेश जारी किए गए थे।
एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने जानकारी दी कि 4,741 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाले इस व्यावसायिक भूखंड को 9 जनवरी 1987 को सहारा इंडिया को 30-30 वर्षों की लीज पर आवंटित किया गया था। लीज की वैधता 9 जनवरी 2017 को समाप्त हो चुकी थी, जिसके बाद भी सहारा समूह ने इसका नवीनीकरण नहीं कराया। इस स्थिति में लीज निरस्त कर भूखंड वापस लेने का निर्णय लिया गया।
150 में से केवल 11 दुकानें थीं सक्रिय
सहारा बाजार परिसर में लगभग 150 दुकानें मौजूद हैं, जिनमें से सिर्फ 11 दुकानें ही क्रियाशील थीं। कब्जा लेने से पूर्व मुनादी के माध्यम से व्यापारियों को परिसर खाली करने की चेतावनी दी गई थी। शुक्रवार दोपहर करीब 12:30 बजे एलडीए की अभियंत्रण, प्रवर्तन और संपत्ति शाखा की संयुक्त टीम ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर कार्यवाही शुरू की। कुछ दुकानदारों ने विरोध जताया, लेकिन अधिकारियों और पुलिस के समझाने पर स्थिति शांतिपूर्ण रही। शाम 6 बजे तक एलडीए ने पूरी तरह से बाजार पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।
सामान निकालने की मिली अनुमति
कार्रवाई के दौरान कुछ दुकानदारों ने अपने सामान के भीतर होने की बात कही, जिस पर उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने उन्हें सहयोग देने के निर्देश दिए। इस दौरान यह भी सामने आया कि सहारा समूह ने लीज पर मिले भूखंड को अपनी स्वामित्व संपत्ति बताकर दुकानें बेच दी थीं, जो कि लीज शर्तों का गंभीर उल्लंघन है।
सेल डीड में सहमति से विवाद निपटारे का जिक्र भी किया गया था, जिस आधार पर कई दुकानदार एलडीए कार्यालय पहुंचे और अपनी बात रखी।
वैध दुकानदारों को राहत का संकेत
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने भरोसा दिलाया कि वैध रूप से जुड़े दुकानदारों के हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे दुकानदारों के लिए राहत का प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिससे उनकी आजीविका पर संकट न आए।