गुजरात स्थित पवित्र सोमनाथ मंदिर ने सावन के पावन अवसर पर एक खास धार्मिक सेवा को पुनः आरंभ किया है। इस सेवा के अंतर्गत श्रद्धालु मात्र ₹25 के सहयोग से रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं और उनके नाम से भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित किया जाएगा। यह सेवा उन भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी है जो मंदिर तक नहीं आ पाते, पर अपनी श्रद्धा प्रकट करना चाहते हैं।
मंदिर ट्रस्ट की यह पहल श्रद्धालुओं को शिवभक्ति के प्रति एक आसान और सुलभ मार्ग प्रदान करती है। विशेष रूप से सावन के महीने में, जब दूर-दूर से भक्त शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने की कामना रखते हैं, यह सेवा उनकी आस्था को साकार करने का एक उपयुक्त माध्यम बन रही है।
अब भक्त ऑनलाइन माध्यम से भी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org/BilvaPooja/Shravan के जरिए बुकिंग कर, वे बिल्वपत्र अर्पण के साथ रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर परिसर में भी यह सेवा उपलब्ध है।
सोमनाथ ट्रस्ट के ट्रस्टी जे. डी. परमार ने जानकारी दी कि यह व्यवस्था श्रावण 2025 के दौरान भी जारी रहेगी। मंदिर के पुजारी भक्तों की ओर से विधिवत रूप से पूजा सम्पन्न करेंगे। उल्लेखनीय है कि यह सेवा 2023 से प्रत्येक महाशिवरात्रि और सावन के महीने में नियमित रूप से चलाई जा रही है, और इसे देश-विदेश से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
दूरी कोई बाधा नहीं
यह सेवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है जो दूरी, स्वास्थ्य या समय के कारण मंदिर नहीं आ सकते। अब वे भी अपने नाम और गोत्र से भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं। रुद्राक्ष प्राप्त कर वे इसे अपने पास रखकर शिव कृपा का अनुभव कर सकते हैं।
एक विशेष भेंट
केवल ₹25 में रुद्राक्ष जैसी पुण्यदायक वस्तु पाना और भगवान को बिल्वपत्र अर्पित करने का अवसर मिलना भक्तों के लिए एक अनूठा अनुभव है। यह सेवा न केवल आध्यात्मिक रूप से सार्थक है, बल्कि सामाजिक समावेशिता की मिसाल भी पेश करती है। मंदिर प्रशासन की यह पहल ‘आस्था सबकी, सेवा सबके लिए’ के भाव को सशक्त करती है।
शिवभक्ति का महत्व
शिवमहापुराण और स्कंदपुराण के अनुसार, बिल्वपत्र और रुद्राक्ष भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं। विशेषकर सावन माह में इनका धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है, पापों से मुक्ति मिलती है और ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
देशभर से भक्त इस सुविधा का लाभ लेने के लिए आगे आ रहे हैं, और सोशल मीडिया पर इसकी व्यापक सराहना हो रही है। श्रद्धालु इस सेवा को सच्ची आस्था का सशक्त माध्यम मान रहे हैं।