पहले टेस्ट में भारतीय फील्डिंग से निराश हुए सुनील गावस्कर, बोले- मेडल देने की जरूरत नहीं

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम की फील्डिंग निराशाजनक रही। टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन आसान कैच छोड़े, जिससे मेहमान टीम को वापसी का मौका मिल गया। जसप्रीत बुमराह ने शुरुआत में जैक क्रॉली को सस्ते में आउट कर भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई थी, लेकिन इसके बाद मिले मौकों को टीम भुना नहीं सकी।

जडेजा से हुई बड़ी चूक

दूसरे दिन रवींद्र जडेजा, जो भारत के सबसे भरोसेमंद फील्डरों में गिने जाते हैं, ने 15 रन पर खेल रहे बेन डकेट का कैच टपका दिया। डकेट ने इस जीवनदान का फायदा उठाते हुए ओली पोप के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 122 रनों की साझेदारी की। कप्तान शुभमन गिल से भी फील्डिंग में कुछ गलतियां हुईं। दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने पहली पारी में तीन विकेट पर 209 रन बना लिए थे और वह अब भी भारत के स्कोर से 262 रन पीछे है।

गावस्कर ने उठाए फील्डिंग मेडल पर सवाल

टीम इंडिया की लचर फील्डिंग पर पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि फील्डिंग कोच टी. दिलीप को इस प्रदर्शन के बाद ड्रेसिंग रूम में फील्डिंग मेडल नहीं देना चाहिए। गावस्कर ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस तरह की फील्डिंग के बाद किसी को मेडल मिलना चाहिए। यह बेहद निराशाजनक था। यशस्वी जायसवाल जैसे अच्छे फील्डर भी इस बार गेंद को सही से नहीं पकड़ पाए।”

बल्लेबाजी कोच ने भी जताई चिंता

भारतीय बल्लेबाजी कोच शितांशु कोटक ने भी खिलाड़ियों की फील्डिंग पर चिंता जाहिर की। लीड्स टेस्ट के दूसरे दिन के खेल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “कैच छोड़ना और नो-बॉल्स होना निश्चित रूप से टीम के लिए नुकसानदायक रहा। आम तौर पर हम फील्डिंग में अधिक चुस्त रहते हैं, लेकिन आज का दिन अपवाद रहा। फिर भी गेंदबाजी में हमने कुछ अच्छे स्पैल फेंके और पिच का फायदा उठाने की कोशिश की।”

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