टाटा मोटर्स ने “रिसायकल विद रिस्पेक्ट” पहल के तहत दो नई रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी (RVSF) की शुरुआत की है। ये फैसिलिटी उत्तर प्रदेश के लखनऊ और छत्तीसगढ़ के रायपुर में शुरू की गई हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इन दोनों केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन किया।
इन अत्याधुनिक फैसिलिटी में सभी प्रकार के वाहन—दोपहिया, तिपहिया, पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से स्क्रैप किया जा सकेगा, चाहे वे किसी भी ब्रांड के हों।
गडकरी बोले—स्क्रैपिंग नीति को मिलेगी मजबूती
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ये केंद्र राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपिंग नीति को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं। उन्होंने बताया कि पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को हटाकर नई, ईंधन-किफायती वाहनों को अपनाने में यह नीति मददगार साबित होगी। इसके तहत स्क्रैप सर्टिफिकेट धारकों को नई गाड़ी खरीदने पर कर छूट सहित कई लाभ मिल सकते हैं।
रायपुर स्थित सेंटर का संचालन टाटा मोटर्स के साझेदार Raipur Green Energy कर रहा है, जिसकी सालाना स्क्रैपिंग क्षमता 25,000 वाहनों की है। वहीं, लखनऊ में Moto Scrapland द्वारा संचालित सेंटर में हर साल करीब 15,000 वाहन स्क्रैप किए जा सकेंगे।
सस्टेनेबिलिटी को लेकर प्रतिबद्ध है टाटा मोटर्स: गिरीश वाघ
टाटा मोटर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने कहा कि कंपनी सर्कुलर इकॉनॉमी की अवधारणा को अपनाते हुए जिम्मेदारी के साथ अपने संचालन को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि अब टाटा मोटर्स के पास देशभर में सबसे बड़ा स्क्रैप नेटवर्क है, जो प्रति वर्ष 1.75 लाख से अधिक वाहनों को निष्प्रभावी तरीके से स्क्रैप कर सकता है।
पुरानी गाड़ी स्क्रैप कराने के क्या हैं फायदे?
पुराने वाहनों को स्क्रैप कराए जाने पर वाहन मालिकों को कई आर्थिक और कानूनी लाभ मिलते हैं। इनमें नया वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क और रोड टैक्स में छूट, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट पर कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले डिस्काउंट, तथा वाहन रजिस्ट्रेशन रद्द होने से कानूनी जिम्मेदारी से मुक्ति शामिल हैं। साथ ही, स्क्रैप फैसिलिटी गाड़ी के वजन के अनुसार भुगतान भी करती हैं।
यह पहल न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि वाहनों के सुरक्षित निस्तारण और सड़क सुरक्षा में भी सकारात्मक योगदान देगी।