मध्य पूर्व में हालात लगातार तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। ईरान और इज़राइल के बीच जारी टकराव के बीच अमेरिका भी अब खुलकर सामने आ गया है। अमेरिकी हमले में ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाए जाने का दावा किया गया है। वहीं, इस हमले के बाद ईरान समर्थक संगठन हिज़बुल्लाह ने फिलहाल संघर्ष में शामिल होने से मना कर दिया है।
हिज़बुल्लाह ने दी सफाई, कहा- ईरान खुद सक्षम है
लेबनान स्थित संगठन हिज़बुल्लाह के प्रवक्ता ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को दिए गए बयान में कहा कि ईरान एक शक्तिशाली राष्ट्र है और उसे खुद को बचाने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं है। संगठन ने स्पष्ट किया कि उसकी ओर से अमेरिका या इज़राइल के खिलाफ कोई त्वरित जवाबी कार्रवाई की योजना फिलहाल नहीं है। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि संगठन पिछले साल नवंबर में हुए सीजफायर समझौते को लेकर प्रतिबद्ध है।
सीजफायर के बाद भी चल रहे हमले
पिछले वर्ष गाजा में हिंसा के बाद हिज़बुल्लाह और इज़राइल के बीच संघर्ष तेज हुआ था, हालांकि बाद में दोनों पक्षों ने संघर्ष विराम पर सहमति जताई। बावजूद इसके, इज़राइल और हिज़बुल्लाह के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इज़राइली रक्षा बलों (IDF) का दावा है कि हिज़बुल्लाह फिर से अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, जिसके जवाब में उसने संगठन के सैन्य ढांचों और नेतृत्व पर हमले किए हैं।
इज़राइल की चेतावनी और हिज़बुल्लाह की प्रतिक्रिया
इज़राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज ने हाल ही में चेतावनी दी कि हिज़बुल्लाह के नए महासचिव नईम क़ासिम संगठन को भड़काऊ बयानों से उकसा रहे हैं और इज़राइल अब और धैर्य नहीं रखेगा। हालांकि, हिज़बुल्लाह की ओर से कहा गया कि वे क्षेत्रीय संतुलन को समझते हुए ही कोई कदम उठाएंगे और फिलहाल ईरान का समर्थन ज़रूरी है, लेकिन सीधी कार्रवाई पर कोई फैसला परिस्थितियों के अनुसार लिया जाएगा।
ईरान-अमेरिका वार्ता पर असर
अमेरिका द्वारा किए गए हमले के बाद ईरान ने वाशिंगटन के साथ चल रही परमाणु वार्ता पर रोक लगा दी है। यह वार्ता दोनों देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम पर नियंत्रण और प्रतिबंधों में ढील को लेकर चल रही थी। बताया गया कि डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से अब तक इस विषय पर पांच दौर की बातचीत हो चुकी है।
पृष्ठभूमि: ईरान पर परमाणु हथियार का आरोप
इज़राइल लंबे समय से ईरान पर परमाणु हथियार विकसित करने के प्रयास का आरोप लगाता रहा है, जिसे तेहरान खारिज करता है। हालांकि, 2018 में डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बहुपक्षीय परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर निकालने के बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन में तेज़ी ला दी थी।