मजदूर पिता की गुहार पर भी नहीं पसीजा अस्पताल, पांच वर्षीय बच्ची की मौत

हापुड़। एक मजदूर परिवार की आर्थिक मजबूरी और निजी अस्पताल की संवेदनहीनता ने उसकी मासूम बच्ची की जान ले ली। आरोप है कि बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू करने से पहले 20 हजार रुपये की मांग की गई। लाचार पिता ने हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इलाज के अभाव में मासूम ने पिता की गोद में ही दम तोड़ दिया।

बिहार से आकर कर रहा था मजदूरी
घटना पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज की है। बिहार के फतेहपुर जिले के जगतपुर कठियार निवासी अनवर पिछले सात महीने से इस अस्पताल परिसर में राजमिस्त्री का काम कर रहे हैं। उनकी पत्नी भी मजदूरी करती हैं। दोनों अपने तीन बच्चों के साथ वहीं अस्थायी आवास में रहते हैं। शुक्रवार रात उनकी पांच साल की बेटी अमरीन की अचानक तबीयत बिगड़ गई।

स्टाफ ने इलाज से पहले मांगे पैसे
अनवर के अनुसार, बच्ची को उल्टियां हो रही थीं, जिसके चलते वह उसे सरस्वती मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। वहां मौजूद स्टाफ ने इलाज शुरू करने से पहले 20 हजार रुपये जमा कराने को कहा। मजदूर दंपती इतनी बड़ी रकम तुरंत नहीं जुटा सके। जवाब में अस्पतालकर्मियों ने बच्ची को किसी सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दे दी।

इलाज न मिलने से तोड़ा दम
पीड़ित पिता का कहना है कि उन्होंने इलाज की विनती करते हुए स्टाफ से बार-बार गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। आखिरकार इलाज के बिना बच्ची ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद मजदूर परिवार पूरी तरह टूट गया।

पुलिस मौके पर पहुंची, अस्पताल ने चुप्पी साधी
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूछताछ की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। अस्पताल की ओर से केवल यह कहा गया कि कोई जिम्मेदार अधिकारी उपलब्ध नहीं है और वे सोमवार को लिखित स्पष्टीकरण देंगे।

न आयुष्मान कार्ड, न पैसों की व्यवस्था
बताया गया कि अनवर के पास न तो आयुष्मान कार्ड था और न ही इलाज के लिए जरूरी रकम। यदि आयुष्मान योजना के तहत उसका पंजीकरण होता, तो संभवतः इलाज मिल सकता था।

जहां कर रहा था काम, वहीं नहीं मिला सहारा
गौर करने वाली बात यह है कि अनवर वहीं काम कर रहा था, जहां उसकी बच्ची की जान गई। महीनों से अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य कर रहा यह मजदूर दंपती उसी अस्पताल से मदद की उम्मीद कर रहा था, जहां उसने पसीना बहाया था।

सीएमओ ने क्या कहा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिली है, लेकिन अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। यदि शिकायत मिलती है, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here