भारत में रोजगार बाजार में एक बार फिर आईटी और आईटी-सेवाओं (ITeS) से जुड़ा क्षेत्र सबसे आगे निकल गया है। जॉब सर्च प्लेटफॉर्म Indeed की हालिया PayMap सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर में न केवल अनुभवहीन युवाओं बल्कि अनुभवी पेशेवरों को भी अन्य क्षेत्रों की तुलना में बेहतर वेतन मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, आईटी क्षेत्र में फ्रेशर्स औसतन ₹28,600 प्रति माह कमा रहे हैं, जबकि 5 से 7 साल का अनुभव रखने वाले पेशेवरों की मासिक आय ₹68,900 तक पहुंच रही है। इस वेतन वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण डिजिटल तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित नौकरियों की मांग में तेजी है।
टेक्नोलॉजी सेक्टर में एआई और डिजिटल स्किल्स की मांग चरम पर
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि AI और डिजिटल क्षमताओं से युक्त जॉब रोल्स की मांग में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते आईटी क्षेत्र की वेतन संरचना लगातार मजबूत हो रही है। सिर्फ तकनीकी क्षेत्र ही नहीं, मैन्युफैक्चरिंग और टेलीकॉम जैसे अन्य उद्योगों में भी वेतन वृद्धि देखी जा रही है। इन क्षेत्रों में फ्रेशर्स को औसतन ₹28,100 से ₹28,300 की मासिक आय हो रही है, जबकि 5-8 वर्षों का अनुभव रखने वाले कर्मचारी ₹67,700 से ₹68,200 तक कमा रहे हैं।
एंट्री-लेवल जॉब्स में भी बेहतर वेतन
रिपोर्ट के मुताबिक, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से लेकर एचआर इंजीनियरिंग जैसे जॉब रोल्स में एंट्री-लेवल वेतन ₹25,000 से ₹30,500 के बीच है। लेकिन प्रोडक्ट और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में कार्यरत अनुभवी पेशेवरों की मासिक आय ₹85,500 तक पहुंच रही है। वहीं, UI/UX डिज़ाइन जैसे आधुनिक रोल्स अब पारंपरिक तकनीकी पदों को टक्कर देने लगे हैं, जहां वरिष्ठ प्रोफेशनल्स को ₹65,000 तक वेतन मिल रहा है।
नए शहर बन रहे रोजगार के केंद्र
Indeed की रिपोर्ट का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि अब केवल मेट्रो शहर ही नहीं, बल्कि हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहर भी तेजी से रोजगार के नए हब के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में वेतन वृद्धि देश की औसत 15% वेतन वृद्धि दर से भी अधिक देखी जा रही है। Indeed इंडिया के हेड ऑफ सेल्स साशी कुमार का कहना है कि अब लोग उन शहरों को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां वेतन और जीवन-यापन की लागत में संतुलन है।
महंगाई से जूझते कर्मचारी
हालांकि वेतन में बढ़ोतरी हो रही है, फिर भी महंगाई ने कर्मचारियों की परेशानी बढ़ा दी है। सर्वे में शामिल 69% कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें मिलने वाला वेतन महानगरों की बढ़ती लागत के हिसाब से अपर्याप्त है। विशेष रूप से दिल्ली (96%), मुंबई (95%), पुणे (94%) और बेंगलुरु (93%) में यह शिकायत अधिक देखने को मिली है। इसके विपरीत, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद और कोलकाता जैसे शहरों को कर्मचारी अधिक किफायती मानते हैं, जहां वेतन और खर्च में बेहतर संतुलन बना हुआ है।
सर्वे में 2,500 से अधिक कर्मचारियों की राय शामिल
Indeed की इस रिपोर्ट में 1,311 नियोक्ताओं और 2,531 कर्मचारियों की प्रतिक्रियाओं को शामिल किया गया है। सर्वे का उद्देश्य महामारी के बाद के दौर में वेतन प्रवृत्तियों, सेक्टरवार स्थिति और कर्मचारियों की सोच को समझना था। यह रिपोर्ट न केवल मौजूदा वेतन संरचना का विश्लेषण करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत का रोजगार बाजार अब तेज़ी से बदलती दिशा में आगे बढ़ रहा है।