उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में स्थापित 38 जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों (डीडीआरसी) को अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक अहम प्रस्ताव तैयार किया है। इस योजना के तहत अब इन केंद्रों का संचालन राज्य के अपने वित्तीय संसाधनों से किया जाएगा, जिससे दिव्यांगजनों को उच्च गुणवत्ता की पुनर्वास सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
फिलहाल प्रदेश के 38 में से केवल 5-6 केंद्र ही केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता से चल रहे हैं, जबकि अंबेडकरनगर स्थित केंद्र एनटीपीसी द्वारा अपने स्तर पर संचालित किया जा रहा है। नए प्रस्ताव के तहत राज्य सरकार ने लगभग 12 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट का प्रावधान किया है, जिससे सभी केंद्रों को सुचारु रूप से चलाया जा सकेगा। यह कदम उन हजारों दिव्यांगजनों के लिए सहारा बनेगा जो इन संस्थानों से प्रशिक्षण, पुनर्वास और उपकरणों की सहायता प्राप्त करते हैं।
सेवाओं में होगा विस्तार
जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण, स्वास्थ्य सेवाएं और कौशल विकास प्रशिक्षण जैसी सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। वर्तमान में राज्य में 15 लाख से अधिक दिव्यांगजन यूडीआईडी पोर्टल पर पंजीकृत हैं, जिनमें से अधिकांश को यूनिक आईडी कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी 18 मंडल मुख्यालयों में दिव्यांग पुनर्वास केंद्रों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए, जिससे अधिक से अधिक लोगों तक सेवाएं पहुंचाई जा सकें।