उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी इलाकों में नक्शा पास करने, भू-उपयोग और विकास प्राधिकरणों द्वारा वसूली को नियंत्रित करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब, सरकार ने आवासीय भवनों के साथ दुकान बनाने की अनुमति दी है, और 100 वर्ग मीटर के आवासीय और 30 वर्ग मीटर के व्यावसायिक भूखंडों पर नक्शा पास कराने की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी है। अब इन भूखंडों पर निर्माण सिर्फ संबंधित विकास प्राधिकरण में पंजीकरण कराने के बाद किया जा सकेगा।
नई व्यवस्था लागू, विकास प्राधिकरण भवन निर्माण उपविधियां-2025 लागू
सरकार ने उप्र भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 को हटाकर उप्र विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां और आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 को लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस नई व्यवस्था के तहत शहरी इलाकों में मिश्रित भू-उपयोग की अनुमति दी गई है, जिसका मतलब है कि अब किसी भी व्यक्ति को अपने आवासीय भवन के साथ दुकान बनाने की स्वतंत्रता मिलेगी, बशर्ते सड़कों की चौड़ाई पर आधारित शर्तों का पालन किया जाए।
नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में बदलाव
अब 100 वर्ग मीटर के आवासीय और 30 वर्ग मीटर के व्यावसायिक भूखंडों पर नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी। इन पर निर्माण के लिए केवल विकास प्राधिकरण में पंजीकरण की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, स्वीकृत ले-आउट क्षेत्रों में 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के आवासीय और 200 वर्ग मीटर के व्यावसायिक भूखंडों के लिए नक्शे को ट्रस्ट बेस्ड (विश्वास आधारित) पर स्वीकृति मिल जाएगी।
चौड़ी सड़कों पर ऊंची बिल्डिंग बनाने की अनुमति
45 मीटर चौड़ी सड़कों पर स्थित भूखंडों पर निर्माण के लिए फ्लोर रेशियो एरिया (एफएआर) की सीमा समाप्त कर दी गई है। इससे ऊंची इमारतों के निर्माण का रास्ता खुल जाएगा। 100-300 वर्ग मीटर के भूखंडों पर एफएआर को 2.25 से बढ़ाकर 2.5 किया गया है, जबकि 300-1200 वर्ग मीटर के भूखंडों पर एफएआर को 2.5 कर दिया गया है। ग्रीन-रेटेड भवनों के लिए अतिरिक्त निःशुल्क एफएआर वृद्धि की भी अनुमति दी गई है।
18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल और उद्योगों की अनुमति
अब 18 मीटर चौड़ी सड़कों पर शॉपिंग मॉल बनाने की अनुमति दी जाएगी, जबकि 7 मीटर चौड़ी सड़कों पर उद्योग और हेरिटेज होटल बनाने की भी स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा, 9 मीटर चौड़ी सड़कों पर चिकित्सा प्रतिष्ठान और प्राथमिक विद्यालय भी स्थापित किए जा सकते हैं।
नक्शा पास से छूट मिलने वाले प्रोफेशनल्स
आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट, चिकित्सक, और अधिवक्ता जैसे सेवा पेशेवर अपने कार्यालय के लिए एफएआर का 25% उपयोग कर सकते हैं, बशर्ते पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की गई हो। इस पर नक्शा पास कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
निर्माण की ऊंचाई से जुड़े प्रतिबंधों में छूट
अब भवनों की ऊंचाई पर से प्रतिबंध हटा दिया गया है। एफएआर के आधार पर ही अब ऊंचाई निर्धारित की जाएगी। इसके अलावा, 15 मीटर से अधिक ऊंचे भवनों के लिए सेटबैक को घटाकर 16 मीटर से 15 मीटर और 12 मीटर किया जाएगा।
ग्रुप हाउसिंग और पार्किंग से जुड़े नए नियम
ग्रुप हाउसिंग के लिए आवश्यक भूखंड क्षेत्रफल को घटाकर 2000 वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर किया गया है। इसके अलावा, 4000 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों के लिए अलग से पार्किंग ब्लॉक बनाने की अनुमति दी गई है। साथ ही, चिकित्सालयों में एम्बुलेंस पार्किंग और विद्यालयों में बस पार्किंग की व्यवस्था भी की जाएगी।