14 मंजिल से गिरकर दो भाइयो की दु:खद मौत्त

गाजियाबाद की सिद्धार्थ विहार की प्रतीक ग्रैंड कारनेसिया सोसायटी में रहने वाले सत्य नारायण और सूर्य नारायण ने एक साथ ही जन्म लिया और एक साथ ही दोनों दुनिया से विदा हो गए। दोनों अधिकतर एक साथ ही रहते थे। खाने-पीने से लेकर खेलने-कूदने तक का सारा समय साथ बिताते थे। रात में 250 फीट ऊपर से जब दोनों किशोर गिरे तो तेज आवाज आई। लोगों को लगा कि दो वाहनों की टक्कर हुई है। वहीं, परिजनों ने बताया कि दोनों भाइयों के प्रेम को देखकर लगता था कि आज भी राम-लक्ष्मण की तरह भाई आपस में प्यार करते हैं। दोनों एक दूसरे का ख्याल रखते थे। सत्य नारायण केवल एक मिनट सूर्य नारायण से बड़ा था। बताते हैं कि सत्य सूर्य का ध्यान रखता था। बिना उसके खाना नहीं खाता था। दोनों के अंदर दोस्ती भी थी और कभी लड़ाई भी नहीं करते थे।

आवाज होने पर लगा गाड़ियों की हुई है भिडंत
सोसायटी के मुख्य द्वार पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड को रात 1.05 बजे बहुत तेज आवाज आई। उसने सोचा कि सोसायटी के अंदर गाड़ियों में भिड़ंत हो गई है। जिस टावर के पास से आवाज आई उसके पास टार्च से देखा गया तो वाकिंग ट्रैक के बीच में घास पर दोनों किशोर के शव पड़े हुए थे। 

कपड़ों को देखकर लगा कि यह अच्छे परिवार के बच्चे हैं। उन्होंने सोसायटी की 25वीं मंजिल पर फ्लैट की लाइट जलती देखी और उनसे बच्चों के बारे में जानकारी की, तभी पता चला कि उनके बच्चे हैं।

छह महीने पहले डीपीएस में लिया था एडमिशन
दिल्ली पब्लिक स्कूल सिद्घार्थ विहार की प्रधानाचार्य कृष्णा सिंह ने बताया कि दोनों भाई सत्य नारायण एवं सूर्य नारायण कक्षा नौवीं के छात्र थे। उनकी बहन कक्षा दसवीं में पढ़ती है। तीनों का छह महीने पहले एडमिशन हुआ है।

दोनों भाई अभी ऑनलाइन कक्षाओं से पढ़ाई कर रहे थे। वह दो दिन पहले ही स्कूल में आए थे और उन्होंने अब रेगुलर स्कूल आने की बात कही थी। बच्चों के क्लास टीचर ने बताया कि दोनों पढ़ाई में काफी होशियार थे। हर विषय में अच्छी जानकारी रखते थे।

छह महीने पहले ही लिया था फ्लैट
पलानी ने छह महीने पहले ही फ्लैट खरीदा था और पांच महीने से वह इस फ्लैट में रह रहे थे। आस-पड़ोस के फ्लैट में रहने वाले लोगों ने बताया कि अभी वह ज्यादा लोगों से घुले-मिले नहीं थे। कम ही फ्लैट से बाहर आते थे।

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