भारत में पहली बार हाइड्रोजन ट्रकों का ट्रायल शुरू, नितिन गडकरी ने किया फ्लैग-ऑफ

टाटा मोटर्स ने भारत में पहली बार हाइड्रोजन से चलने वाले हेवी-ड्यूटी ट्रकों का ट्रायल शुरू किया है। यह ऐतिहासिक कदम लॉन्ग-डिस्टेंस कार्गो ट्रांसपोर्टेशन को ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। इस ट्रायल को 4 मार्च 2025 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हरी झंडी दिखाई। 

हाइड्रोजन है भविष्य का ईंधन – नितिन गडकरी
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, जो भारत के परिवहन क्षेत्र को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है। इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि यह भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगा। ऐसे इनोवेटिव प्रयास लॉन्ग-हॉल ट्रांसपोर्ट को ज्यादा टिकाऊ बनाएंगे और हमें कम कार्बन उत्सर्जन वाले भविष्य की ओर ले जाएंगे। मैं टाटा मोटर्स को इस क्रांतिकारी कदम के लिए बधाई देता हूं, जो भारत में हरित और स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।”

24 महीने तक चलेगा ट्रायल, 16 हाइड्रोजन ट्रकों का होगा परीक्षण
यह ट्रायल अगले 24 महीनों तक चलेगा और इसमें 16 आधुनिक हाइड्रोजन ट्रकों को अलग-अलग कैपेसिटी और कॉन्फिगरेशन के साथ सड़कों पर उतारा जाएगा। इन ट्रकों में हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE) और फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी (H2-FCEV) का इस्तेमाल किया गया है।

इन ट्रकों का परीक्षण भारत के प्रमुख मालवाहक मार्गों पर किया जाएगा, जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली-एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर शामिल हैं। 

इन हाइड्रोजन ट्रक में क्या है खास?
इस ट्रायल के लिए जो ट्रक इस्तेमाल किए जा रहे हैं, वे टाटा मोटर्स की हाइड्रोजन मोबिलिटी टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण हैं। इनमें दो अलग-अलग प्रकार की टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है:

  • हाइड्रोजन इंटरनल कम्बशन इंजन (H2-ICE)
  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (H2-FCEV)

इसमें टाटा प्राइमा H.55S ट्रक के दो वेरिएंट शामिल हैं – एक H2-ICE इंजन पर आधारित और दूसरा FCEV तकनीक पर। इसके अलावा, टाटा प्राइमा H.28 नाम का एक और एडवांस्ड H2-ICE ट्रक भी इस ट्रायल का हिस्सा है। 

300-500 KM की रेंज, बेहतरीन सुरक्षा और ड्राइवर कंफर्ट
इन ट्रकों की ऑपरेशनल रेंज 300 से 500 किलोमीटर तक होगी। इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह टिकाऊ, किफायती और हाई-परफॉर्मेंस ट्रांसपोर्टेशन को संभव बना सके।

ट्रकों में प्रीमियम प्राइमा कैबिन, एडवांस ड्राइवर-असिस्ट सेफ्टी फीचर्स, और बेहतर सस्पेंशन दिए गए हैं, जिससे ड्राइवर को ज्यादा कंफर्ट और कम थकान महसूस होगी। साथ ही, ये ट्रक ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री में सुरक्षा के नए बेंचमार्क स्थापित करेंगे। 

टाटा मोटर्स की उम्मीदें
इस मौके पर टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक, गिरीश वाघ ने कहा, “टाटा मोटर्स को भारत में हरित, स्मार्ट और टिकाऊ परिवहन को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाने पर गर्व है। देश के विकास में योगदान देने की हमारी पुरानी प्रतिबद्धता रही है और हमने हमेशा इनोवेशन को अपनाकर नई मोबिलिटी सॉल्यूशंस विकसित किए हैं। आज, जब हम हाइड्रोजन ट्रकों के इस ट्रायल की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमें खुशी हो रही है कि हम लॉन्ग-डिस्टेंस ट्रांसपोर्ट के लिए क्लीन और जीरो-एमिशन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। हम भारत सरकार के विजनरी लीडरशिप के लिए आभारी हैं और भविष्य में भी टिकाऊ परिवहन समाधानों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।”

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