जब से ट्रंप टैरिफ लागू हुआ है. तब से शेयर बाजार में जबरदस्त अस्थिरता का माहौल देखने को मिला है. अमेरिकी प्रशासन की शुल्क योजना की घोषणा और चीन तथा अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध की बढ़ती चिंताओं के कारण हाल के दिनों में शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. जिसकी वजह से महीने की शुरुआत से अब तक निवेशकों को 11.30 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शेयर बाजार में ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद कितना नुकसान हुआ है.
शेयर बाजार निवेशकों को मोटा नुकसान
बीएसई सेंसेक्स में दो अप्रैल से अभी तक 1,460.18 अंक या 1.90 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है. अनिश्चितता के चलते इस अवधि में बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 11,30,627.09 करोड़ रुपये घटकर 4,01,67,468.51 करोड़ रुपये रह गया है. हालांकि, अमेरिका के अतिरिक्त आयात शुल्क के अपने फैसले को 90 दिन के लिए टालने के बाद बाजार में शुक्रवार को करीब दो प्रतिशत का उछाल आया था. इस दौरान बाजार 10 अप्रैल को महावीर जयंती और 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर बंद भी रहे.
लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक सतीश चंद्र अलूरी ने कहा कि अमेरिका के दुनिया पर व्यापक स्तर पर जवाबी शुल्क की घोषणा के बाद नए वित्त वर्ष की शुरुआत में बाजारों में उतार-चढ़ाव रहा. वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट देखी गई और भारत भी बिकवाली से अछूता नहीं रहा, लेकिन यह अबतक अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.
3 महीने के टाला टैरिफ
अमेरिका ने दो अप्रैल को अमेरिका में प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की थी. हालांकि, नौ अप्रैल को इसे नौ जुलाई तक यानी 90 दिन के लिए टाल दिया गया. हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अब भी लागू है. हालांकि, चीन को कोई राहत नहीं दी गई. अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर 145 प्रतिशत शुल्क लगा रखा है. वहीं चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी वस्तुओं पर अपने अतिरिक्त शुल्क को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है.