सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने बताया है कि सैटेलाइट टी.वी. चैनलों को अब हर दिन 30 मिनट राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित से जुड़ी सामग्री अनिवार्य रूप से दिखानी होगी। यह कृषि, महिला सशक्तीकरण, अध्यापन जैसे मुद्दों से संबंधित हो सकती है। सूचना मंत्रालय ने इस संबंध में 8 थीमें चैनलों को दी है।
केन्द्र सरकार का निर्णय देश के व्यापक हित में है। देश के दर्शकगण बखूबी जानते हैं टी.वी. चैनल उनके सामने क्या परोस रहे हैं। अधिकांश चैनलों का ध्यान केवल टी.आर.पी. बढ़ाने की सामग्री पर ही केन्द्रित रहता है। समाचार सुनने की इच्छा से दर्शकों को अनचाहे थोपे हुवे कार्यक्रम एवं ब्रेक मजबूरन देखने पड़ते हैं। कुछ कार्यक्रम और डिबेट इतने उबाऊ होते हैं कि दर्शक को टेलीविजन बन्द करना पड़ता है या चैनल बदलना पड़ता है।
कभी प्रिंट मीडिया पर ‘पेड न्यूज’ के आरोप लगे थे किन्तु इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कोई रोक-टोक नहीं। वह मनमर्जी के प्रायोजित कार्यक्रम धड़ल्ले से चलाते हैं। राष्ट्र व समाज के हित के बजाय मनोरंजन के नाम पर मनमर्जी करते हैं।
कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि अनेक ऐसे विषय हैं जिन पर टी.वी. चैनल लाभ एवं शिक्षाप्रद सामग्री प्रस्तुत कर सकते हैं। नये शासनादेश से यह अनिवार्य हो गया है, यह शुभ संकेत है।
गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’