मध्य प्रदेश में ढाई महीने की बच्ची का धर्मांतरण, मां के मरने के बाद हुई थी चोरी

मध्य प्रदेश के सागर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां अस्पताल में एक महिला की मौत हो गई थी. इसी बीच एक परिवार ने उसके ढाई महीने की बेटी को चुरा लिया और उसी अस्पताल में अलग नाम और पहचान से भर्ती करा दिया. इस परिवार ने अस्पताल में खुद को इस बच्ची का संरक्षक बताया था. इधर, कहीं से पता चला कि चला कि मृत महिला की बेटी गायब है. इस खबर पर बाल कल्याण समिति ने जांच की और पुलिस की मदद से इस बच्ची को अस्पताल में से ही बरामद कर लिया है.

दरअसल कुछ दिन पहले सागर रेलवे स्टेशन पर एक महिला अचेत हो गई थी. उसके साथ एक पांच साल का बेटा और ढाई महीने की बेटी थी. ये दोनों बच्चे अपनी मां की अचेत देह को पकड़ कर रोने लगे तो वहां मौजूद लोगों ने उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचाया. जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. इसके बाद बगल के ही बेड पर भर्ती एक समुदाय विशेष की महिला इन दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर चली गई. इतने में खबर पुलिस को हो गई.

दूसरी पहचान के साथ उसी अस्पताल में थी बच्ची

इसके बाद इस परिवार के घर पहुंची पुलिस ने महिला के बेटे को बरामद कर लिया. इसके बाद मामला बाल कल्याण समिति के पास आया. समिति की जांच में पता चला कि इस बच्चे की एक ढाई महीने की बहन भी है, जो लापता है. इसके बाद बाल कल्याण समिति ने इस बच्ची की तलाश शुरू की. इस दौरान पता चला कि यह बच्ची भी अस्पताल में भर्ती है, लेकिन उसका नाम और पहचान सब बदल चुका है. यही नहीं, अस्पताल के रिकार्ड में इस बच्ची का धर्म भी बदल दिया गया था.

बच्ची को मातृछाया आश्रम भेजा

इसके अलावा आरोपी दंपत्ति ने इस बच्ची के माता-पिता के नाम की जगह अपना नाम लिखा दिया था. अब मामले का खुलासा होने के बाद बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बच्ची को कब्जे में लेकर मातृछाया आश्रम भेज दिया है. उधर, आरोपी महिला और उसके पति ने बताया कि मां की मौत के बाद ये दोनों बच्चे अनाथ हो गए थे. इंसानियत के नाते वह इन बच्चों को अपने घर ले आए थे. परिवार के मुताबिक इन बच्चों को गोद लेने के लिए उन लोगों ने सागर कलेक्टर के कार्यालय के आवेदन भी किया था.

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