सेक्टर-65 स्थित बहलोलपुर गांव में रविवार को दोपहर लगी भीषण आग में दो मासूम बच्चों की जलकर मौत हो गई, जबकि 600 से अधिक झुग्गियां व 700 से अधिक कबाड़ गोदाम जलकर खाक हो गए। भीषण आग में 3 हजार लोग बेघर हुए हैं, वहीं लाखों का नुकसान भी हुआ है। आग की सूचना पर दमकल की 17 से अधिक गाड़ियां पहुंची और करीब 5 घंटे की मशक्कत से आग को बुझाया।
बहलोलपुर गांव में करीब 6 हजार वर्ग फीट के एक खाली प्लाट में 600 से अधिक झुग्गियां बनी हुई थीं, इसमें बिहार के विभिन्न जिलों के 700 से अधिक परिवारों के लोग किराए पर रहते थें। यहां रहने वाले अधिकांश पुरुष कबाड़ का व्यवसाय करते हैं और महिलाएं सोसायटियों में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती है। बुधवार दोपहर जब अधिकांश पुरुष काम से बाहर गए थे। वहीं महिलाएं भी घर से बाहर थी, तो करीब 12:45 बजे एक झुग्गी में गैस चूल्हे पर खाना बनाते समय सिलेंडर में ब्लास्ट से आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया।
आग देख झुग्गियों में रहने वाले लोगों के चीख पुखार मच गई। सूचना पर फेस-3 कोतवाली पुलिस के साथ 100 के करीब दमकलकर्मी पहुंचे और आग बुझाने के काम में जुट गए। लेकिन तेज हवा चलने के कारण आग बुझाने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। जबतक आग बुझाई जाती तब तक अधिकांश झुग्गियां जलकर खाक हो चुकी थी। आग इतनी भयंकर थी कि ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में भी इसका धुआं देखा गया।
आग का वीडियो गाजियाबाद के लोगों ने बनाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर किया। आग में जलकर दो मासूमों की मौत भी हुई है। जिनकी आयु क्रमश: 6 माह व 2 वर्ष के करीब बताई जा रही है, दोनों बालिकाएं हैं। दोनों बच्चियां सुलेखा नाम की महिला की है, जो मूलत: नालंदा की रहने वाली है। मासूमों की पहचान के लिए उनका डीएनए सैंपल फारेंसिक लैब भेजा जाएगा। जिससे उनकी पहचान हो सके।
संभवता झुग्गी बस्ती में सिलेंडर फटने से आग लगी है। हवा तेज चलने से आग बुझाने में परेशानी हुई। आग में दो बच्चों की मौत हुई है। घटना के वक्त दोनों बच्चे झुग्गी में सो रहे थे।