कनाडा में नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के मंत्रिमंडल में भारतीय मूल के दो लोगों को मंत्री बनाया गया है। ये अनीता आनंद और कमल खेड़ा हैं। दिल्ली में जन्मी खेड़ा कनाडा की संसद में चुनी गई सबसे युवा महिला सांसदों में से एक हैं। लिबरल पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय बैंकर कार्नी ने शुक्रवार को गवर्नर जनरल मैरी साइमन की अध्यक्षता में हुए समारोह में 30वें कनाडाई मंत्रालय के सदस्यों के साथ शपथ ली। कार्नी मंत्रिमंडल में 13 पुरुष और 11 महिलाएं हैं। कार्नी की कैबिनेट ट्रूडो 37 सदस्यीय टीम से छोटी है।
कार्नी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कनाडा, अपने नए मंत्रिमंडल से मिलिए। हमने एक छोटी, केंद्रित और अनुभवी टीम बनाई है जो इस पल का सामना करने के लिए बनी है। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के बाद अपने मंत्रिमंडल की तस्वीर भी साझा की।आनंद (58) को इनोवेशन, विज्ञान और उद्योग मंत्री बनाया गया है जबकि कमल खेड़ा (36) को स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया गया है। ये दोनों पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के मंत्रिमंडल में शामिल रह चुके हैं। खेड़ा जब स्कूल में थीं तभी उनका परिवार कनाडा आ गया था। बाद में उन्होंने टोरंटो के यॉर्क यूनिवर्सिटी से विज्ञान स्नातक की डिग्री हासिल की।
प्रधानमंत्री की वेबसाइट के अनुसार कि कमल खेड़ा को पहली बार 2015 में ब्रैम्पटन वेस्ट से संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। मंत्री खेड़ा संसद के लिए चुनी गई सबसे कम उम्र की महिलाओं में से एक हैं। एक पंजीकृत नर्स, सामुदायिक स्वयंसेवक और राजनीतिक कार्यकर्ता, खेड़ा अपने आसपास के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयत्नशील हैं। खेड़ा ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एक नर्स के रूप में मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा अपने मरीजों की सहायता के लिए मौजूद रहना है और यही मानसिकता मैं स्वास्थ्य मंत्री की भूमिका में भी हर दिन अपनाऊंगी। प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के भरोसे के लिए बहुत आभारी हूं। अब, समय आ गया है कि हम अपने काम पर लग जाएं। खेड़ा इससे पहले वरिष्ठ नागरिक मंत्री, अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री के संसदीय सचिव, राष्ट्रीय राजस्व मंत्री के संसदीय सचिव तथा स्वास्थ्य मंत्री के संसदीय सचिव के रूप में कार्य कर चुकी हैं।
ट्रूडो की जगह अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहीं आनंद ने जनवरी में घोषणा की थी कि वह दौड़ से हट रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वह दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि, उन्होंने एक मार्च को यह कहते हुए अपना फैसला रद्द कर दिया था कि कनाडा देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण का सामना कर रहा है। ग्रामीण नोवा स्कोटिया में जन्मी और पली-बढ़ीं आनंद 1985 में ओन्टारियो चली गई थीं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मुझे मार्क कार्नी की सरकार में इनोवेशन, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री के रूप में शपथ लेने पर गर्व है। हम जानते हैं कि नकारात्मकता से न तो किराया चुकाया जा सकता है और न ही घर का कर्ज चुकाया जा सकता है। नकारात्मकता से किराने के सामान की कीमतें कम नहीं होंगी। नकारात्मकता से व्यापार युद्ध नहीं जीता जा सकता। हम एकजुट और मजबूत हैं तथा हम कनाडा और भविष्य की कनाडाई अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए तुरंत काम पर लग जाएंगे।
पीएम की वेबसाइट के अनुसार, आनंद को पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में चुना गया था और इससे पहले उन्होंने ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष, राष्ट्रीय रक्षा मंत्री और सार्वजनिक सेवाओं और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया। आनंद ने एक विद्वान, वकील और शोधकर्ता के रूप में काम किया है। वह एक कानूनी शिक्षाविद रही हैं। इसमें टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर के रूप में कार्य करना भी शामिल है, जहां उन्होंने निवेशक संरक्षण और कॉर्पोरेट प्रशासन में जे आर किम्बर चेयर का पद संभाला था।