उत्तराखंड के पांच लाल जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना पर हुए कायराना हमले के शिकार हो गए. पांचों जवानों के घर पर जब यह संदेश पहुंचा कि उनके परिवारों के चिराग देश सेवा में शहीद हो गए हैं, तो घर में मातम पसर गया और पूरे उत्तराखंड में इस बलिदान का शोक मनाया गया. सोमवार को दोपहर में कठुआ में सेना के काफिले बड़ा आतंकी हमला हुआ. इन जवानों में एक जवान ऐसा भी शामिल है जो जिसके परिवार ने 2 महीने के भीतर देश को दूसरा बेटा समर्पित किया है.
हम जिस परिवार की चर्चा कर रहे हैं वह टिहरी जिले के देवप्रयाग में स्थित कीर्तिनगर के थाती (डागर) गांव के रहने वाले हैं. राइफलमैन आदर्श नेगी ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. आदर्श नेगी के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव तक पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर छा गई. न सिर्फ शहीद का परिवार बल्कि पूरा गांव ही शहादत पर शोक मना रहा है. 26 साल के शहीद जवान आदर्श नेगी की अभी शादी भी नहीं हुई थी और इतनी कम उम्र में ही उन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी.
परिवार के दूसरे बेटे की शहादत
पिछले दो महीने में आदर्श नेगी के परिवार में दूसरी बार दुखों का पहाड़ टूटा है. इससे पहले भी यह परिवार अपना एक बेटा देश के लिए न्योछावर कर चुका है. दो महीने पहले ही आदर्श नेगी के ताऊ के बेटे ने भी अपने प्राण देश हित में न्योछावर किए थे. भारतीय सेना में मेजर की पोस्ट पर तैनात प्रणय नेगी भी देश के लिए शहीद हुए थे. दूसरे बेटे शहीद आदर्श नेगी की शहादत की खबर मिलते ही पूरा परिवार सुध-बुध खो बैठा है. 2018 में आदर्श गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए और 6 साल देश की सुरक्षा की ओर देश की सेवा करते करते हुए शहीद हो गए.
परिवार में दो भाई और एक बहन थे
शहीद राइफलमैन आदर्श नेगी अपने पीछे अपने पिता दलबीर सिंह नेगी, अपनी माता और एक भाई और एक बड़ी बहन को अलविदा कह गए हैं. उनका भाई वर्तमान में चेन्नई में जॉब करता है जबकि बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. शहीद के पिता गांव में किसान है और आदर्श इसी साल गांव आए थे.