खान साहब पर दो मुक़दमे और !

जब-जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तब-तब उसमे बड़बोले मुस्लिम नेता आजम खान मंत्री जरूर बने। मुलायम सिंह यादव ने उनकी कुछ विशेषताओं को देखकर ही इतनी प्राथमिकता दी होगी।

खान साहब वे ही नेता है जिन्होंने भारत माता को डायन कहा था। गाज़ियाबाद में हिंडन नदी के किनारे बने हज हाउस के उद्घाटन के मौके पर एक पुलिस अधिकारी को चांटा मार दिया था। एक वरिष्ठ अधिकारी से कहा था कि मैं आईएएस व आईपीएस से जूतों पर पॉलिश करवाता हूँ। विधान भवन में अपने कार्यालय को अलग ढंग से डेकोरेट कराया था। जब तुनक-मिजाजी के कारण सपा छोड़ दी थी तो नेता जी ख़ुशामद करके इन्हें वापस लाये थे।

समाजवादी पार्टी की सरकार जाने के बाद इनकी ये सभी खूबियां हाशिये पर आ गयीं और दूसरी विशेषताएं एक-एक करके सामने आने लगीं। पता चला कि जौहर विश्विद्यालय की जमीनों में घोटाला किया गया। नहर विभाग की जमीन पर कब्ज़ा करके रेस्टोरेंट बना लिया। दलितों की भूमि के पट्टों पर दवाब डालकर यूनिवर्सिटी के हक़ में बैनामे करा लिए गए। रज़ा लाइब्रेरी की दुर्लभ पुस्तकें चुरा ली गयीं।

अब दो दिन पहले ही जौहर विश्विद्यालय में नगरपालिका परिषद् रामपुर की सफाई की मशीन मिली है। कल ही विश्विद्यालय की लिफ्ट से चोरी की किताबों का जखीरा मिला है। कपिल सिब्बल जैसे जुगाडू अधिकवक्ता को पार्टी में इसलिए शामिल किया गया कि वे सुप्रीम कोर्ट में इनकी रक्षा करें और जमानत दिलवाएं सिब्बल साहब का तीर निशाने पर लगा और खान साहब की जमानत की अर्जी मंजूर हो गयीं। कोर्ट हैरत में है कि एक शख्स पर 87 मुक़दमे कैसे दायर कर दिए गए? अब दो मुक़दमे मशीन चोरी व किताब चोरी के भी दायर हो गए हैं। भविष्य में क्या होगा यह तो केवल अदालत ही जानती है। खान साहब समाजवादी पार्टी की बड़ी सम्पदा हैं, उसे तो इनकी रक्षा करनी ही पड़ेगी।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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