बढ़ते वजन से परेशान है तानाशाह किम जोंग उन, यूं कर रहा मोटापा घटाने की कोशिश

उत्तर कोरिया के तानाशाही शासक किम जोंग उन को इन दिनों अपने भारी भड़कम वजन की चिंता सता रही है। शरीर का वजन कम करने के लिए वह लगातार कोशिश कर रहे हैं। जब बीते सप्ताह के अंत में काफी लंबे अरसे के बाद दिखे तो उनके शरीर पर चर्बी कम थी। किम अपने वजन को लेकर किस कदर चिंतित हैं, इसका प्रमाण उनकी कलाई पर बंधी स्विस घड़ी दे रही है।

एनके न्यूज द्वारा मंगलवार को प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, राज्य मीडिया द्वारा जारी नवीनतम तस्वीरों में किम की कलाई आईडब्ल्यूसी शैफहौसेन पोर्टोफिनो (घड़ी) से चारों ओर कसकर बांधी हुई दिखी। सियोल स्थित समाचार वेबसाइट ने पिछले महीनों से 12,000 डॉलर की इस घड़ी की क्लोज-अप तस्वीर जारी की थी। 

उत्तर कोरियाई नेता के वजन को लंबे समय से जासूसी एजेंसियों द्वारा उनके निरंकुश और गुप्त शासन की स्थिरता के बारे में सुराग के लिए ट्रैक किया गया है।आपको बता दें कि किम के परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा है। दक्षिण कोरिया की जासूसी एजेंसी ने नवंबर में सांसदों को बताया कि किम का वजन अनुमानित 140 किलोग्राम (309 पाउंड) था। 2011 में सत्ता में आने के बाद से उन्होंने लगभग 50 किलोग्राम वजन बढ़ाया था।

एनके न्यूज के वरिष्ठ विश्लेषणात्मक संवाददाता कॉलिन ज्विर्को ने कहा, “विदेशी खुफिया एजेंसियां ​​जानना चाहती हैं कि क्या किम जोंग उन लंबे समय तक नेता बने रहने के लिए स्वस्थ हैं। अगर वह अस्वस्थ हैं तो पर्दे के पीछे क्या चल रहा है? यह उस क्षेत्र में सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है जब उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं।”

पिछले साल 20 दिनों की अनुपस्थिति के दौरान किम का स्वास्थ्य वैश्विक साज़िश का विषय बन गया। वह अपने दिवंगत दादा और राज्य के संस्थापक किम इल सुंग के जन्मदिन समारोह में भी नहीं दिखे। सियोल स्थित समाचार साइट डेली एनके ने बताया कि किम ने हॉर्ट का ऑपरेशन कराया था। एनके न्यूज ने इसकी पुष्टि के लिए किम की कलाई पर एक निशान का हवाला दिया।

किम को शनिवार से पहले लगभग एक महीने तक नहीं देखा गया था। उन्होंने अंतिम बार आर्थिक मुद्दों पर एक सत्तारूढ़ पार्टी की बैठक में भाग लिया था।  दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक ने बुधवार को संसद को बताया कि किम का ध्यान फिलहाल उकसाने वाले सैन्य कदमों के जरिए क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाने के बजाय आंतरिक मामलों पर केंद्रित है

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