चंडीगढ़ पीजीआई में भर्ती कोरोना संक्रमित पद्मश्री मिल्खा सिंह (91) के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। बुधवार को उनकी नाक में पड़ी भोजन की नली निकाल दी गई, जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ से खाना खाया। मंगलवार तक उन्हें नाक में लगे पाइप के जरिए भोजन दिया जा रहा था। वहीं, उनका ऑक्सीजन स्तर भी तेजी से सुधर रहा है। बुधवार से उन्हें हाई फ्लो के बजाय नॉर्मल फ्लो पर ऑक्सीजन देना शुरू कर दिया गया। वहीं संक्रमण के दौरान बढ़े हुए अन्य पैरामीटर भी धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। उन्हें आईसीयू यूनिट 1 में बनाए गए आइसोलेशन रूम में रखा गया है।
तबीयत बिगड़ने पर तीन जून को जब मिल्खा सिंह को पीजीआई के कोविड आईसीयू यूनिट 1 में भर्ती किया गया था तब उनकी स्थिति बेहद गंभीर थी। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम था। उस समय उन्हें 60 प्रतिशत ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही थी, जिसका लेवल हाई फ्लो था। यानी उन्हें प्रति मिनट 60 लीटर ऑक्सीजन दिया जा रहा था। वहीं बुधवार को ऑक्सीजन की जरूरत घटकर 40 प्रतिशत पर पहुंच गई है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने इसका स्तर भी हाई की बजाय नॉर्मल पर कर दिया है। आईसीयू प्रभारी डॉ. अजय ने बताया कि धीरे-धीरे उनकी स्थिति बेहतर हो रही है। वह कुछ देर बैठ भी रहे हैं।
कोविड संक्रमण अब भी बरकरार
पीजीआई के कोविड अस्पताल के आईसीयू प्रभारी डॉ. अजय ने बताया कि भर्ती होने के 7 दिन बाद बुधवार को मिल्खा सिंह की कोविड-19 की रिपीट जांच करवाई गई, जिसकी रिपोर्ट अब भी पॉजिटिव ही आई है, लेकिन उनकी हालत स्थिर है। भर्ती के दौरान उनके ब्लड पैरामीटर जैसे डी डायमर, कैरोटीन व सीआरपी काफी बढ़े हुए थे लेकिन अब वे धीरे-धीरे नॉर्मल रेंज में आ रहे हैं।
फ्लाइंग सिख के चेहरे पर आई चमक, बेटी से काफी देर बात की
बुधवार को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह काफी बेहतर नजर आए। उन्होंने अस्पताल के कपड़ों के बजाय घर से आया ग्रे कलर का कुर्ता पहना हुआ था और काले रंग की टोपी भी लगाई थी। उनके चेहरे पर चमक नजर आ रही थी। अन्य दिनों की तुलना में उन्होंने अपनी बेटी से ज्यादा देर तक बात की। इस दौरान वे काफी खुश नजर आ रहे थे।
इन डॉक्टरों की देखरेख में हैं
पीजीआई कोविड प्रबंधन के प्रभारी प्रोफेसर जीडी पुरी, प्रोफेसर आशीष भल्ला, डॉक्टर इंद्रपाल, डॉक्टर हेमंत भगत और डॉक्टर कमल काजल की टीम 24 घंटे मिल्खा सिंह की सेहत पर नजर रखे हुए हैं।
मिल्खा सिंह की सेहत में तेजी सुधार हो रहा है। उनके भोजन की नली निकाल दी गई है। उन्होंने बुधवार को मुंह से खाना खाया और खुद टहले भी। अब उनका ऑक्सीजन लेवल भी धीरे-धीरे बेहतर हो रहा है।