उज्जैन महाकाल कॉरिडोर को मिल सकता है शिव सृष्टि का नाम

विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर के लिए बन रहा महाकाल कॉरिडोर का पहला चरण पूरा हो चुका है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जा रहे इस कॉरिडोर को शिव सृष्टि नाम दिया जा सकता है। उज्जैन में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है। 27 सितंबर को शिवराज कैबिनेट की बैठक उज्जैन में होगी।  

बता दें कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा जाएगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पांच हेक्टेयर में फैला है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन दौरे के दौरान पीएम मोदी के 11 अक्टूबर को महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण की जानकारी दी।

उज्जैन महाकाल मंदिर कॉरिडोर के प्रथम चरण का काम पूरा हो चुका है। इस पर करीब 316 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। महाकाल प्रोजेक्ट 750 करोड़ रुपये का है। दूसरा फेज भी 1 साल के अंदर पूरा हो जाएगा। पहले महाकाल परिसर सिर्फ 2 हेक्टेयर का था, अब पूरा कॉरिडोर 47 हेक्टेयर का हो जाएगा। महाकाल कॉरिडोर में देवी-देवताओं की अद्भुत प्रतिमाएं हैं। भगवान शिव के ही 190 रूप हैं। यानी नजारा देवलोक जैसा है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 11 अक्टूबर को कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया जा रहा है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्त चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हर एक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है।

महाकाल मंदिर विस्तारीकरण प्रोजेक्ट का काम करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसके तहत पहले चरण में महाकाल पथ, रूद्र सागर का सौंदर्यीकरण, विश्राम धाम आदि काम पूरे किए जा चुके हैं। विस्तारीकरण के कामों के बीच हाल ही में महाकाल पथ श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। त्रिवेणी संग्रालय के पास से महाकाल पथ का बड़ा द्वार बनाया गया है। विस्तार के बाद महाकाल मंदिर के सामने का मार्ग 70 मीटर चौड़ा हो गया है। महाकाल मंदिर चौराहे तक का मार्ग 24 मीटर चौड़ा किया जाएगा। विस्तारीकरण के बाद महाकाल मंदिर का क्षेत्र 2.2 हेक्टेयर से बढ़कर 20 हेक्टेयर से अधिक हो गया है।

बड़ी बात ये कि देवों के देव महादेव के इस कॉरिडोर को बनाने में सर्व धर्म सम्भाव का भी पूरा ख्याल रखा गया है। महाकाल कॉरिडोर सिर्फ प्रोजेक्ट भर नहीं है, ये मध्य प्रदेश और भारत के सांस्कृतिक गौरव की नई गाथा भी है। ऐसे में एमपी सरकार ने इसके उद्घाटन को महोत्सव के तौर पर मनाने का फैसला लिया है। दूसरे चरण में महाराजवाड़ा परिसर विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, छोटा रूद्र सागर तट, रामघाट का सौंदर्यकरण, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केंद्र, हरी फाटक पुल का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग बेगम बाग मार्ग का विकास होगा।

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