संयु्क्त राष्ट्र ने शुक्रवार को यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में सभी यात्राओं को टाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र ने यह फैसला हूतियों द्वारा अपने कर्मचारियों को हिरासत में लेने के बाद लिया है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि कल सना में हूतियों ने अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों में काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र कर्मियों को हिरासत में लिया। अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने हूतियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में और उनके भीतर सभी आधिकारिक गतिविधियों को निलंबित कर दिया है।
पिछले दिनों हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों के साथ-साथ अमेरिकी दूतावास और सहायता समूहों से जुड़े व्यक्तियों को हिरासत में लिया था। हालांकि हूतियों ने संयुक्त राष्ट्र के निर्णय को स्वीकार नहीं किया। यह निर्णय ऐसे वक्त में आया है जब हूती इस्राइल-हमास युद्ध विराम के बाद शिपिंग और इस्राइल पर अपने हमलों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं।
ट्रंप ने हूती को बताया आतंकी संगठन
यमन के हूती विद्रोहियों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकी संगठन घोषित किया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने कार्यकाल में इस पहचान को हटा दिया था ताकि यमन के दशक पुराने युद्ध में शांति कायम की जा सके। हूती विद्रोहियों ने कहा कि यह पहचान फलस्तीनी लोगों के समर्थन और अमेरिकी प्रशासन के इस्राइल पक्षधरता को दिखाती है। ट्रंप के फैसले से विद्रोहियों के साथ नए तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
हूतियों ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वे लाल सागर गलियारे में जहाजों पर अपने हमलों को सीमित कर देंगे। साथ ही हूतियों ने नवंबर 2023 में जब्त किए गए गैलेक्सी लीडर के 25 सदस्यीय चालक दल को रिहा कर दिया। हूती विद्रोहियों ने इस्राइल के गाजा में हमलों के विरोध में ही लाल सागर इलाके में वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों पर हमले शुरू किए थे।