यूपी सरकार का दावा, बारह दिन में एक लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद में बनाया रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि बीते 12 दिनों में किसानों से एक लाख मीट्रिक गेहूं खरीदा गया है। गेहूं खरीद में तेजी लाते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मंडियों में न केवल पहली बार अत्याधुनिक सुविधाओं को बढ़ाया, बल्कि किसानों के लिए मंडियों में पानी, बैठने के लिए छायादार व्यवस्था और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के सख्त निर्देश भी दिए।कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद में शामिल कर प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया। किसानों को उनके खेत के 10 किमी के दायरे में गेहूं खरीदकर उनकी दिक्कतों को भी कम करने का काम किया। यूपी सरकार ने गेंहू खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-पॉप मशीनों का इस्तेमाल कर क्रांति लाने का काम किया। इस व्यवस्था से गेहूं खरीद में धांधली और गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से समाप्त हो गई। किसानों को उनके अनाज के हर दाने का भुगतान उनके खातों में मिलना शुरू हो गया।राज्य सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की गई है। अभी 12 दिन ही बीते हैं कि एक लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का रिकार्ड बन गया है। गौरतलब हैं कि किसानों को भुगतान के मामले में योगी सरकार ने पिछली सरकारों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। धान खरीद के मामले में भी योगी सरकार नए कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। राज्य सरकार ने 2553804 धान किसानों को 23328.80 करोड़ रूपए से अधिक का भुगतान किया है, जो कि प्रदेश में अब तक का रिकार्ड है। 

आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने चार साल के कार्यकाल में 3345065 किसानों से कुल 162.71 लाख मीट्रिक गेहूं की खरीद की। प्रदेश में सबसे ज्यादा 24256 क्रय केंद्रों के जरिए खरीदे गए गेहूं के लिए राज्य सरकार ने किसानों को कुल 29017.71 करोड़ रूपए का रिकार्ड भुगतान किया है। यूपी की योगी सरकार पहले ही कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) को गेहूं खरीद का खास तोहफा दिया है। इससे गेहूं खरीद में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिला है। देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी अनाज खरीद प्रक्रिया में कृषक उत्पादक संगठनों को भी शामिल किया गया है। प्रदेश के 150 से अधिक गेहूं केंद्रों पर एफपीओ खरीद प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। प्रदेश में एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीद प्रक्रिया के तहत 8 अप्रैल तक 6,000 केंद्रों पर कुल 14,544 मीट्रिक गेहूं की खरीद की जा चुकी है। राज्य सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,975 रूपए किया है। खरीद केंद्रों पर ऑक्सीमीटर, इफ्रारेड थमार्मीटर की व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए हैं। खरीद केंद्रों पर पहुंचने वाले हर किसान का तापमान चेक किया जा रहा है। किसानों के पीने के लिए स्वच्छ पानी, बैठने के लिए छायादार व्यवस्था भी की गई है।पहली बार किसान अपने खेत के 10 किलोमीटर के दायरे में गेहूं बेच पा रहे हैं। खरीद केंद्रों पर भीड़ न इकट्ठी हो इसके लिए राज्य सरकार ने पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के व्यवस्था की है। टोकन नंबर के हिसाब से किसान अपनी बारी आने पर खरीद केंद्र पहुंच कर गेहूं बेच रहे हैं। इससे खरीद केंद्रों पर भीड़ नहीं लग रही है।

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