यूपी रेरा की कार्रवाई: क्रिकेटर मुनाफ पटेल का बैंक खाता सीज कर 52 लाख की वसूली

ग्रेटर नोएडा जिला प्रशासन ने रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) पर क्रिकेटर मुनाफ पटेल से 52 लाख रुपये की वसूली की है। उत्तर प्रदेश भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) की आरसी पर मुनाफ पटेल के दो बैंक खातों को सीज कर धनराशि को जब्त कर लिया है। पूर्व क्रिकेटर निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड में निदेशक हैं। अभी भी प्रशासन द्वारा वसूली की कार्रवाई की जा रही है।

ग्रेनो वेस्ट के सेक्टर-10 में निवास प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड का वनलीफ ट्रॉय नाम से प्रोजेक्ट है। यह प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका तो खरीदारों ने यूपी रेरा में शिकायत की। इस पर सुनवाई करने के बाद यूपी रेरा ने बिल्डर के खिलाफ आदेश जारी किया और उनका पालन नहीं होने पर यूपी रेरा आरसी जारी कर रहा है। इस समय जिला प्रशासन के पास बिल्डर के खिलाफ यूपी रेरा की करीब 10 करोड़ की रकम की 40 से अधिक आरसी लंबित हैं। दादरी तहसील की टीम वसूली के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन बिल्डर पैसा नहीं दे रहा है। तहसील की टीम ने विधिक सलाह लेने के बाद कंपनी के डायरेक्टरों से भी वसूली शुरू की है।

अफसरों ने बताया कि क्रिकेटर मुनाफ पटेल भी कंपनी में डायरेक्टर हैं। नोएडा और गुजरात में एक्सिस बैंक की दो शाखा में खाते हैं। दोनों खातों को सीज कर आरसी की धनराशि की वसूली की गई है। दोनों बैंक खातों से करीब 52 लाख रुपये जब्त किया गया है। अफसरों ने बताया कि बिल्डर के खिलाफ वसूली की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

वर्ष 2022 में खत्म हो चुका है पंजीकरण
निवास प्रमोटर्स ने प्रोजेक्ट को वर्ष 2017 में यूपी रेरा में पंजीकृत कराया था, लेकिन बिल्डर तय समय में प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर सका। बिल्डर को प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय भी दिया गया। उसके बाद भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया। यूपी रेरा के अफसरों का कहना है कि इसी साल प्रोजेक्ट का पंजीकरण भी समाप्त हो चुका है।

नया नहीं है क्रिकेटरों का बिल्डरों से नाता
क्रिकेटर और बिल्डरों का यह कोई नया मामला नहीं है। इससे पहले पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धोनी का नाम भी आम्रपाली के साथ जुड़ चुका है। धोनी ने आम्रपाली के विज्ञापन किए थे। अब मुनाफ पटेल का नाम बिल्डर से जुड़ा है। इनके अलावा कई अभिनेता और खिलाड़ी इस तरह के विवाद में फंस चुके हैं।

यूपी रेरा की आरसी पर बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मुनाफ पटेल भी उस कंपनी में डायरेक्टर हैं। विधिक सलाह के बाद राजस्व टीम ने बैंक खाता सीज कर आरसी का पैसा वसूला है। बकाया धनराशि की वसूली का भी प्रयास किया जा रहा है। -सुहास एलवाई, जिलाधिकारी

ई-नीलामी नहीं होने पर भी हो रही वसूली
जिला प्रशासन पिछले तीन साल में करीब 700 करोड़ की आरसी वापस कर चुका है। एनसीएलटी और खरीदार-बिल्डर के बीच समझौता मुख्य कारण है। बाकी आरसी की वसूली नहीं होने पर प्रशासन ने बिल्डरों की संपत्ति को कुर्क किया है। करीब 270 करोड़ की संपत्ति की ई-नीलामी होनी थी। जो सफल नहीं हो सकी। वहीं तीन साल में 250 करोड़ की वसूली हो चुकी है।

3333 प्रोजेक्ट में आ चुकी है 46852 शिकायतें
यूपी रेरा में 3333 प्रोजेक्ट पंजीकृत हैं। इनमें से कई प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सके हैं। परेशान होकर खरीदार यूपी रेरा का दरवाजा खटखटा रहे हैं। अभी तक 46852 शिकायतें आ चुकी हैं। जिनका लगातार निस्तारण हो रहा है, लेकिन बिल्डरों के आदेश का पालन नहीं करने से खरीदारों को लाभ नहीं मिल रहा है।

2000 करोड़ से अधिक की हैं 6000 से अधिक आरसी
यूपी रेरा अभी तक 6000 से अधिक आरसी जारी कर चुका है। जो 2000 करोड़ से ज्यादा की हैं। लेकिन इनमें 50 प्रतिशत से अधिक आरसी पर वसूली होनी बाकी है। प्रदेश में सबसे ज्यादा आरसी गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन के पास है।

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