यूपी: जितेंद्र की जॉइनिंग से रीता बहुगुणा जोशी आग बबूला, बोलीं- नेतृत्व से करेंगे बात

बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर जलाने के आरोपी और बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक जितेन्द्र सिंह बबलू के बीजेपी में बुधवार को शामिल होने पर यूपी की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है. विधानसभा चुनाव से पहले जितेन्द्र सिंह बबलू के बीजेपी में शामिल होने पर भड़कीं रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि वे इस खबर से सन्न हैं. उन्होंने कहा कि ये वही शख्स है जिसने 2009 के जुलाई में उनके घर में आग लगा दी थी, जिस वक्त वह खुद मुरादाबाद जेल में बंद थीं.

रीता बहुगुणा बोलीं- जरूर उसने छिपाई होगी जानकारी

रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बीजेपी में शामिल होने से पहले जरूर जितेन्द्र सिंह बबलू ने यह जानकारी छिपाई होगी. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को जरूर इस बारे मे जानकारी होनी चाहिए. रीता बहुगुणा ने कहा- मैं पार्टी के राज्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष से यह अनुरोध करती हूं कि वह इसकी सदस्यता खत्म करें क्योंकि उसके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं और उसने मेरे घर में भी आग लगाई है.

गौरतलब है कि ये वही बबलू हैं जिन्हें पिछले साल भी पार्टी में लाने की कोशिश की गई थी लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के जबरदस्त विरोध के कारण फैसला वापस लेना पड़ा था. लेकिन आज बबलू को बीजेपी का भगवा पट्टा पहनाकर पार्टी नेताओं ने उन्हें अपना बना ही लिया.

दर्जन भर मुकदमे झेल रहे जितेंद्र सिंह बबलू अब बीजेपी के सदस्य हैं. जिन्हें पार्टी में आने से रोकने के लिए पिछले साल आसमान सिर पर उठा लिया था. इस बार सब चुपके-चुपके हुआ. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बीजेपी ऑफिस पहुंच चुके थे. सबको यही बताया गया कि बीएसपी और कांग्रेस से कुछ नेता शामिल हो रहे हैं. लेकिन जब मंच पर बबलू आए तो सबके होश उड़ गए. मायावती सरकार में बबलू बीएसपी के दबंग विधायक थे. अयोध्या से लेकर लखनऊ तक उनकी तूती बोलती थी.

उनकी गिनती मायावती के करीबी नेताओं में होने लगी. उनके भाई को बहिन जी ने एमएलसी बनवा दिया. इसी बीच एक ऐसी घटना हो गई कि बबलू देश भर के हेडलाइन में आ गए. लखनऊ में कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा का घर जलाने की कोशिश हुई. बबलू और उनके साथियों पर केस दर्ज हुआ. उन्हें जेल भी जाना पड़ा. रीता बहुगुणा अब बीजेपी में हैं. प्रयागराज से पार्टी की लोकसभा सांसद हैं. योगी सरकार में मंत्री भी रहीं.

पहले रद्द करना पड़ा था बबलू को बीजेपी में लाने का फैसला

वहीं पिछले साल जब बबलू को पार्टी में शामिल कराने का फैसला हुआ था, तब भी स्वतंत्र देव सिंह ही अध्यक्ष थे. तब इतना विरोध हुआ कि अयोध्या से लेकर लखनऊ तक खलबली मच गई. बीजेपी के कई विधायकों ने विरोध किया. बीकापुर से पार्टी की एमएलए शोभा सिंह ने तो अनशन की धमकी दे दी थी. पार्टी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में बीजेपी ऑफिस को घेर लिया था. बबलू को ऑफिस के अंदर न आने देने की कसमें खाई जा रही थीं. रीता बहुगुणा ने भी इस फैसले का विरोध किया था. आखिरकार बबलू के बीजेपी में आने के फैसले को रद्द करना पड़ा.

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