उत्तर प्रदेश: अलीगढ में फांसी के फंदे पर लटका मिला सन्यासी का शव

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में एक साधु का शव आश्रम में फांसी के फंदे पर संदिग्ध परिस्थितियों में लटकते हुए मिला. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा. उधर, फॉरेंसिक टीम ने आश्रम का पूरा जायजा लिया और साक्ष्य जुटाए. वहीं, लोगों का कहना है कि साधु एक माह पहले ही आश्रम लौटा था. साधु के शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है. प्राथमिक जांच में पुलिस घटना को आत्महत्या मान रही है.

मामला थाना गांधी पार्क क्षेत्र के गांव भदेशी का है. यहां स्थित आश्रम में साधु साहेब दास उर्फ लाल दास का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी. आश्रम के साधुओं को घटना की जानकारी तब हुई, जब शनिवार सुबह चाय लेकर पहुंचे. घटना की जानकारी गांव वालों को मिलते ही मौके पर ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया. सूचना पर गांधी पार्क थाना अध्यक्ष समेत फॉरेंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंची. साधु को फंदे से नीचे उतारा. फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए गए. जिसके बाद पुलिस ने साधु के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं, पुलिस पूरे मामले को लेकर जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं

ग्रामीणों का कहना है कि एक महीने बाद ही साधु साहेब दास उर्फ लाल दास आश्रम पहुंचे थे. जहां उन्होंने ग्रामीणों से भी बातचीत की गई थी. वहीं, एक महीने गांव से बाहर साधु कहां रहे, इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. ग्रामीणों में साधु की मौत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

हाथरस में रहता है साधु का परिवार

मृतक साधु बाबा लाल दास लंबे समय से अलीगढ़ में ही आश्रम में रह रहे थे. जबकि उनका पूरा परिवार हाथरस में ही रहता है. जिसके बाद पुलिस ने घटना की जानकारी हाथरस में रहने वाले उनके परिवार को दी है. घटना की जानकारी मिलने पर मृतक साधु का परिवार अलीगढ़ के लिए रवाना हो गए है.

बरला में साधु की हत्या

बता दें, साल 2022 में अलीगढ़ जिले में गांव परोरा में साधु कुंवरपाल(65) का शव खेत में पड़ा मिला था. इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले छह महीने के भीतर तीन साधुओं की हत्या हो चुकी है तो चार साधुओं की मौत का रहस्य बरकरार है.

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