एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक होता जा रहा है। मेरठ और उसके आसपास के इलाकों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ने लगी हैं। रविवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लाल श्रेणी में दर्ज किया गया, जो गंभीर प्रदूषण की स्थिति दर्शाता है।
मेरठ में सबसे खराब हवा, बागपत दूसरे स्थान पर
दीपावली के बाद से एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। रविवार सुबह 11 बजे मेरठ का एअर क्वालिटी इंडेक्स 387 तक पहुंच गया, जबकि बागपत का AQI 374 दर्ज किया गया। यह दोनों शहर एनसीआर के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में रहे। सुबह से ही धुंध और स्मॉग छाया रहा, जिससे दृश्यता प्रभावित हुई और लोगों को गले में खराश, आंखों में जलन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
अन्य शहरों का प्रदूषण स्तर भी चिंताजनक
रविवार सुबह 11 बजे तक दिल्ली और मेरठ का AQI समान रूप से 387 रहा, जबकि बुलंदशहर में 367, गाजियाबाद में 355, ग्रेटर नोएडा में 352 और हापुड़ में 361 दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता में सुधार के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं।
मेरठ के प्रमुख इलाकों की स्थिति
गंगानगर में AQI 341, जय भीम नगर में 380, पल्लवपुरम में 387, बेगम पुल पर 350 और दिल्ली रोड पर 358 रिकॉर्ड किया गया। शहर के कई हिस्सों में लोगों को सुबह से ही सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
सर्दी बढ़ने से और बिगड़ सकते हैं हालात
रात के तापमान में लगातार गिरावट के कारण आने वाले दिनों में प्रदूषण का असर और अधिक बढ़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो से तीन दिनों में दिन और रात के तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे धुंध और स्मॉग की परत और गहराने की आशंका है।