मुजफ्फरनगर। भाकियू कार्यकर्ताओं ने शहर में पैदल मार्च निकालकर कलक्ट्रेट में पंचायत की। सरकार पर निशाने साधे गए। युवा नेता गौरव टिकैत ने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चुनाव में हारे हुए लोगों को सबक लेना चाहिए, किसानों से बदला नहीं। किसानों पर बेवजह मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। जीआईसी के मैदान में महापंचायत होगी।
मंगलवार को भाकियू कार्यकर्ता महावीर चौक स्थित कार्यालय पर एकत्र हुए। जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में विभिन्न मुद्दों को लेकर जुलूस के रूप में प्रकाश चौक होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे और पंचायत में शामिल हुए। किसानों के बीच पहुंचे गौरव टिकैत ने कहा कि डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन सरकार को कोई सहानुभूति नहीं है।
पूंजीवाद हावी है। बीज, कीटनाशक, बिजली पर कंपनियों ने कब्जा कर लिया गया है। मुजफ्फरनगर से किसान की दिशा और दशा तय होगी। इसके लिए राजकीय इंटर कॉलेज कॉलेज में महापंचायत बुलाई जाएगी। भाजपा नेताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हारने की टीस किसानों पर नहीं निकालनी चाहिए। ऐसे नेताओं के मामले सार्वजनिक किए जाएंगे।
भाकियू सभी राजनीतिक दलों को एक ही थैली के चट्टे-बट्टे मानती है। अध्यक्षता ओम प्रकाश शर्मा और संचालन शक्ति सिंह ने किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष नवीन राठी, धीरज लाटियान, अशोक घटायन, नीरज पहलवान, श्यामपाल चेयरमैन, संजय त्यागी मौजूद रहे।
- बिजोपुरा और मुंडभर के मामले गूंजे
किसान पंचायत में बिजोपुरा और मुंडभर गांव में किसानों पर दर्ज मामले गूंजे। वक्ताओं ने कहा कि बिजली विभाग बेलगाम हो गया है। किसानों को एकजुट होने का आह्वान किया गया। एकजुटता से ही शोषण से निजात मिलेगी।
- संभल मत समझ लेना, यह है मुजफ्फरनगर
गौरव टिकैत ने कहा कि किसानों को देश विरोधी बताने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक पूर्व विधायक पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके बेटे अमेरिका से भारत की बुराई कर रहे थे, वह भी खुद को देशभक्त बताते हैं। ऐसे लोग संभल जाए, किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह भी चेताया कि ऐसे लोग जिले को संभल समझने की भूल मत करना, यह मुजफ्फरनगर है। सर्वसमाज के लोग एकजुट होकर जवाब देना जानते हैं।
- सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया मांगपत्र
जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को मांगपत्र सौंपा गया। एमएसपी गारंटी कानून, गन्ना मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल, डिजिटल भुगतान, व्यापक ऋण माफी, अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण को समाप्त करें, एलएआरआर अधिनियम 2013 और एफआरए को लागू करें। बीज नीति में संशोधन किया जाना चाहिए।